मोदी सरकार ने 11 साल के शासन में प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल को लोकतांत्रिक बनाया: अमित शाह

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नयी दिल्ली (भाषा) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बृहस्पतिवार को कहा कि मोदी सरकार ने प्रौद्योगिकी के उपयोग को लोकतांत्रिक बनाया है और व्यापार क्षेत्र के लिए इसकी शक्ति का इस्तेमाल किया है, जिससे भारत पिछले 11 वर्षों में दुनिया में एक अग्रणी डिजिटल अर्थव्यवस्था वाला देश बन गया है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार के नौ जून को 11 साल पूरे हो गए।

शाह ने ‘एक्स’ पर लिखा, “मोदी सरकार ने प्रौद्योगिकी के उपयोग को लोकतांत्रिक बनाया है और व्यापार क्षेत्र के लिए इसकी शक्ति का दोहन किया है, जिससे भारत बीते 11 साल में दुनिया में एक अग्रणी डिजिटल अर्थव्यवस्था बन गया है।”

गृह मंत्री ने कहा कि चाहे स्वास्थ्य सेवा हो, शिक्षा हो, व्यापार हो या वाणिज्य, प्रधानमंत्री मोदी ने डिजिटल क्रांति के माध्यम से अर्थव्यवस्था और समाज के हर क्षेत्र को बदल दिया है।

एक आधिकारिक बयान के अनुसार, पिछले 11 वर्षों में, भारत ने डिजिटल रूप से सशक्त समाज बनाने की दिशा में अपनी यात्रा में उल्लेखनीय प्रगति की है।

बयान में कहा गया है कि देश ने दूरदराज के गांवों में इंटरनेट पहुंच का विस्तार करने से लेकर डिजिटल प्लेटफॉर्मों के माध्यम से सार्वजनिक सेवा वितरण में क्रांति लाकर शहरी-ग्रामीण विभाजन को पाट दिया है।

बयान में कहा गया है कि डिजिटल अर्थव्यवस्था 2024-25 तक बढ़कर 13.42 प्रतिशत होने का अनुमान है, जो कृत्रिम बुद्धिमत्ता, क्लाउड कंप्यूटिंग और डिजिटल बुनियादी ढांचे में प्रगति से प्रेरित है। बयान के अनुसार, डिजिटल अर्थव्यवस्था ने 2022-23 में राष्ट्रीय आय में 11.74 प्रतिशत का योगदान दिया।

आगे बयान में कहा गया है कि मजबूत डिजिटल बुनियादी ढांचा आधुनिक अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और पिछले 11 वर्षों में भारत ने मोबाइल नेटवर्क का काफी विस्तार किया है, साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट कनेक्टिविटी में सुधार किया है।

बयान के अनुसार, प्रौद्योगिकी आधारित भविष्य के लिए सरकार ने पिछले 11 वर्षों में डिजिटल क्षितिज का विस्तार किया है, बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने से लेकर डिजिटल कौशल को बढ़ाने तक, भारत अधिक डिजिटल रूप से सक्षम हुआ है।

बयान में कहा गया है कि इंटरनेट कनेक्शन मार्च 2014 में 25.15 करोड़ थे, जो जून 2024 में बढ़कर 96.96 करोड़ हो गए।

इसके अलावा मई 2025 तक, प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) के माध्यम से हस्तांतरित कुल राशि 44 लाख करोड़ रुपये को पार कर गई है।

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