
बाकल थाना में 5 फरवरी को दिया था आवेदन, पूर्व में अवैध ट्रांजेक्शन वाले खातों को किया गया था फ्रीज़
कटनी दैमप्र। सायबर फ्रॉड को लेकर जिले की पुलिस कई दिनों तक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर लोगों को इसकी सावधानी और बचाव के उपाय बताती रही है लेकिन जब एक मामला इससे संबंधित आया तो उस मामले में एफआईआर दर्ज करने में महीनों लग गए नतीजा यह हुआ कि पीड़ित के खाते से पहले लगभग दो लाख रुपए गए थे और अभी तक 11 लाख रुपए निकल चुके हैं। मामला जिले के बाकल थाने का है जहां करीब 5 माह पूर्व दिए आवेदन पर पुलिस ने 10 जून को धोखाधड़ी की एफआईआर दर्ज की है लेकिन इस बीच 5 माह तक चली पुलिस की जांच में एक सेवानिवृत्त रेलवे कर्मी के 11 लाख रुपए खाते से निकल गए। पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठना लाजमी है। क्योंकि फरियादी लालजी बर्मन पिता प्रेमलाल निवासी बसहड़ी ने 5 फरवरी को एक लिखित आवेदन दिया था और बताया था की सेंट्रल बैंक बाकल में उसका खाता है जिसमें उसके रिटायर्ड होने के बाद रेलवे से पैसा मिला पैसा खाते में आया है और उसके खाते से किसी ने पैसा निकाल लिया है। उस समय खाते से केवल दो लाख रुपए के लगभग निकले थे लेकिन जब पुलिस ने ध्यान नहीं दिया मामला साइबर सेल शाखा में चला गया वहां भी यह कहा गया कि अभी जांच चल रही है। जांच चलती रही और फरियादी के खाते से भी पैसा निकलता रहा। जब फरियादी के खाते से धीरे धीरे 11 लाख रुपए निकल गए तब जाकर पुलिस ने मंगलवार को बीएनएस की धारा 318(4) के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया है। सूत्रों से पता चला है कि एसपी अभिनय विश्वकर्मा साइबर सेल शाखा के मामलों की समीक्षा कर रहे थे इस बीच बाकल थाना क्षेत्र का यह प्रकरण भी आया जिसकी समीक्षा के बाद पाया था कि इस मामले में एफआईआर दर्ज होनी चाहिए जिसके उपरांत बाकल पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है।
आखिर क्यों बरती गई लापरवाही
सवाल उठ रहे हैं कि इस मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज न करके आखिर कौन सी जांच इतने दिनों तक करती रही, जब खाते से 5 फरवरी तक लगभग दो लाख रुपए निकले थे तब पुलिस ने एक्शन क्यों नहीं लिया। इस मामले में यह भी खास तथ्य है कि पीड़ित के पैसे अवैध रूप से जब निकल रहे थे तो सेंट्रल बैंक ने भी खाते को लेकर कोई गंभीरता क्यों नहीं बरती। इसके अलावा साइबर सेल शाखा से भी बाकल पुलिस को यह स्पष्ट करने में 5 माह का समय क्यों लगा दिया। अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिले में अगर कोई किसी मुसीबत में पड़ जाए और खासकर सायबर फ्रॉड तो पुलिस उसकी कैसे मदद करती है इसका जीता जगता उदाहरण है बाकल थाना पुलिस।
पुलिस ने बचाव के लिए दिए कुतर्क
थाना प्रभारी उप निरीक्षक प्रतीक्षा सिंह चंदेल से इस प्रकरण के बारे में पूंछा गया तो उन्होंने कहा कि मामला 5 माह पुरान है और हमें कल ही साइबर सेल से पता चला कि खाते से अवैध रूप से अज्ञात व्यक्ति ने पैसे निकाले हैं, अभी तक फरियादी द्वारा दिए गए आवेदन पर हम जांच कर रहे थे जिसमें हमें शंका थी कि पीड़ित के परिवार के लोग ही पैसा तो नहीं निकले हैं। थाना प्रभारी ने यह भी बताया कि सेवा निवृत्त रेलवे कर्मी पीड़ित का मोबाईल कुछ वर्ष पूर्व गुम गया था लेकिन उसने इसकी शिकायत नहीं की थी। पूरे मामले को लेकर पुलिस जांच कर रही है आगे जो भी तथ्य सामने आएंगे बताया जाएगा।
इनका कहना है
बाकल थाना में धोखाधड़ी का मामला जो दर्ज हुआ है उस मामले में 5 फरवरी को दिए गए आवेदन के आधार पर पुलिस ने साइबर सेल की मदद से जिन खातों में ट्रांजेक्शन हुए थे उन्हें फ्रिज कर दिया था और पुलिस जांच में जुटी थी इस बीच फिर खाते से पैसे निकले तो एफआईआर दर्ज कराई गई है। मामले की जांच चल रही है।
अभिनय विश्वकर्मा
एसपी