
नयी दिल्ली (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने मध्यप्रदेश के उन दो पत्रकारों की याचिका पर सोमवार को सुनवाई करने को लेकर सहमति जताई, जिनपर स्थानीय रेत माफिया की रिपोर्टिंग को लेकर पुलिस ने कथित रूप से हमला किया था।
न्यायमूति संजय करोल और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ के समक्ष याचिका पर तत्काल सुनवाई के लिए मामले का विशेष उल्लेख किया गया।
दोनों पत्रकारों की अधिवक्ता ने पीठ को बताया, ‘‘मध्यप्रदेश के एक स्थानीय पुलिस थाने में दो पत्रकारों की पिटाई की गई है।’’ उन्होंने कहा कि घटना एक महीने पहले हुई थी और पत्रकार घटना के बाद दिल्ली भाग गए।
वकील ने कहा, ‘‘वे रेत माफिया के बारे में रिपोर्टिंग कर रहे थे। यह बहुत गंभीर (मामला) है। उन्हें थाने में पीटा गया। उन्होंने अब सुरक्षा मांगी है।’’
अधिवक्ता ने कहा कि याचिकाकर्ता भिंड में पुलिस द्वारा गिरफ्तारी की आशंका जता रहे थे। पीठ ने पूछा, ‘‘आप उच्च न्यायालय क्यों नहीं गए?’’
वकील ने कहा कि याचिकाकर्ता इस समय दिल्ली में हैं, जिसके बाद पीठ ने पूछा, ‘‘तो क्या हमें अग्रिम जमानत के लिए अखिल भारतीय मामलों पर विचार करना चाहिए, खासकर तब, जब वहां एक पत्रकार है?”
वकील ने दावा किया कि याचिकाकर्ताओं की जान को खतरा है और प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने भी इस घटना की निंदा की है।