नयी दिल्ली, (भाषा) हरियाणा के फरीदाबाद में रविवार शाम चार बजकर आठ मिनट पर 3.1 तीव्रता के भूकंप का झटका महसूस किया गया। यह जानकारी राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने दी।
इसने कहा कि भूकंप का केंद्र फरीदाबाद से नौ किलोमीटर पूर्व और दिल्ली से 30 किलोमीटर दक्षिणपूर्व में स्थित था।
भूकंप से लोगों में दहशत उत्पन्न हो गई, जबकि दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में कई लोगों ने फर्नीचर में कंपन होने की जानकारी दी। नोएडा में भी लोगों ने भूकंप के झटके महसूस किये।
नोएडा में प्रतीक विस्टेरिया निवासी अश्विन सक्सेना ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘मैं सो रहा था। अचानक, मुझे ऐसा लगा जैसे कोई मेरे बिस्तर पर चढ़ गया हो। मैं उठा तो पाया कि यह भूकंप था। कमरे में एक लैंप और पंखा हिल रहा था।’’
भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मौजूद कई लोगों को भी झटके महसूस हुए।ग्रेटर नोएडा में इंडिया एक्सपो मार्ट में चल रही हस्तशिल्प प्रदर्शनी में स्टॉल लगाने वाली संगीता शर्मा बताया, ‘‘मुझे ऐसा महसूस हुआ जैसे प्रदर्शनी क्षेत्र का फर्श हिल रहा हो। आसपास के लोगों ने मुझे बताया कि यह ऊपर या हमारे हॉल के बाहर की गतिविधियों के कारण हो सकता है, लेकिन जल्द ही हमें भूकंप के बारे में पता चला।’’
इससे पहले तीन अक्टूबर को, दिल्ली-एनसीआर सहित उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में भूकंप के तेज झटके महसूस किये गए थे। इसमें सबसे तेज झटके की तीव्रता 6.2 थी।
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के निदेशक ओ पी मिश्रा के अनुसार, भारत भूकंपीय दृष्टि से सक्रिय क्षेत्र में स्थित है, लेकिन हर दिन बहुत सारे कम तीव्रता के भूकंप आने से, संग्रहीत ऊर्जा निकल जाती है।
विशेषज्ञों का कहना है कि यदि लोग और संस्थाएं संरचनाएं बनाने के लिए उपनियमों और संहिताओं का सख्ती से पालन करें, तो एक बड़े पैमाने पर आये भूकंप के प्रभाव को कम किया जा सकता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि किसी इमारत की कंपन आवृत्ति भूकंप के दौरान होने वाली क्षति के स्तर को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।