
ग्राम रोजगार सहायक के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग, ढीमरखेड़ा के पिपरिया शुक्ल का मामला, एसडीएम ने मंगाई जांच रिपोर्ट
उमरियापान दैमप्र। बाढ़ से प्रभावित ग्रामीणों की जगह अपने चहेतों के नाम सूची में जुड़वाकर शासन से राहत राशि दिलाने पर प्रभावित ग्रामीणों में आक्रोश है।पिपरिया शुक्ल के सैकड़ों ग्रामीणों ने जिला मुख्यालय पहुँचकर कलेक्टर दिलीप कुमार यादव और जिला पंचायत सीईओ शिशिर गेमावत से शिकायत करते हुए ग्राम रोजगार सहायक के खिलाफ कार्रवाई की मांग किया है।ग्रामीणों का आरोप है कि ग्राम रोजगार सहायक अजय कोरी ने जिन लोगों को बाढ़ से नुकसान नहीं पहुचा हैं, उनके नाम सूची में शामिल कराये।जिनको बाढ़ से नुकसान हुआ है उन्हें निर्धारित राशि से कम राहत राशि मिली है।जिन लोगों को राहत राशि मिली है, रोजगार सहायक ने उनसे रुपये लिया है।इतना ही नहीं ग्राम रोजगार सहायक के द्वारा मनरेगा योजना के तहत अपने चहेतों को बगैर मजदूरी किये राशि दिलाई गई है।
पिपरिया शुक्ल से कटनी पहुँचे सैकड़ों ग्रामीणों ने अधिकारियों को दी गई शिकायत पर बताया कि दो दर्जन से अधिक ग्रामीण ऐसे है जिनके यहाँ बाढ़ से कोई नुकसान नहीं पहुँचा हैं। ग्राम रोजगार सहायक अजय कोरी के द्वारा ऐसे ही फर्जी तरीके से लोगों के नाम जुड़वाकर राहत राशि दिलाई गई। जबकि जिन लोगों को बाढ़ से नुकसान पहुंचा है, ऐसे ग्रामीण राहत से वंचित है
ग्रामीणों ने बताया कि बाढ़ से प्रभावित लोगों का सर्वे करने पहुँची टीम के साथ ग्राम रोजगार सहायक अजय कोरी ने मिलीभगत करते हुए घर में बैठकर सूची तैयार कराई गई।गांव में घूमकर और प्रभावितों के घरों में पहुँचकर जांच नहीं की गई। ऐसे में अब सर्वे टीम पर भी सवाल खड़े हो रहे है।ग्राम रोजगार सहायक अजय कोरी के घर में कोई नुकसान नहीं पहुचा फिर भी रोजगार सहायक ने खुद अपने नाम पर 25 हजार रुपये जबकि भाई अजीत कोरी और पिता सूरज लाल कोरी के नाम पर 35-35हजार रुपये की मुआवजा राशि लिया।
ग्राम रोजगार सहायक ने मनरेगा योजना में किया फर्जीवाड़ा
कलेक्टर और जिला पंचायत सीईओ से की गई शिकायत में ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम रोजगार सहायक अजय कोरी ने अपने चहेतों को मनरेगा योजना का लाभ दिया गया है।रोजगार सहायक ने कपिल कोरी, महाजन कोरी, जम्मन कोरी, संतोष कोरी, राममनोहर कोरी, अशोक कोरी और उदयभान कोरी सहित अन्य अपने चहेतों को मनरेगा योजना के तहत फर्जी हाजिरी भरकर खातों में राशि डाली गई। जबकि इन चहेतों के द्वारा मनरेगा योजना के तहत काम नहीं किया गया। इसमे कोई साइकिल दुकान चला रहा तो कोई ठेकेदार है। राजमिस्त्री और चौकीदार भी शामिल है। इतना ही नहीं ग्राम रोजगार सहायक ने गांव के रामप्रकाश पटेल के परिवार के चार लोगों के नाम पर मस्टर जारी कर बगैर काम किये मनरेगा योजना का लाभ बीते दो वर्षों से दिया जा रहा है। ग्रामीणों ने अधिकारियों को दी शिकायत पर बताया कि ग्राम रोजगार सहायक ने ग्राम पंचायत के लैपटॉप, एलसीडी आदि शासकीय सामग्री को घर में रखा है। जिसका उपयोग निजी कामों में भी किया जाता है।
एसडीएम ने बनाई जांच टीम,मंगाई रिपोर्ट
पिपरिया शुक्ल गांव में बाढ़ राहत और ग्राम पंचायत के कार्यों में ग्राम रोजगार सहायक अजय कोरी द्वारा बरती गई अनियमितता की शिकायत के बाद ढीमरखेड़ा एसडीएम विन्की सिंह मारे ने दो अलग अलग जांच टीम का गठन किया है। जांच टीम से जांच की रिपोर्ट मंगाई है।
बाढ़ प्रभावितों के राहत राशि के मामले में जांच के लिए तहसीलदार आशीष अग्रवाल के नेतृत्व में राजस्व निरीक्षक मोहन लाल साहू, नीरज झारिया, पटवारी दान सिंह, आनंद डेहरिया, मृगेन्द्र शुक्ला, जया मौर्य, निकिता केवट और निहारिका पांडेय को जांच टीम में शामिल किया है।जबकि ग्राम पंचायत के कार्यों में रोजगार सहायक द्वारा की गई अनियमितता की जांच हेतु सहायक यंत्री आनंद उसरेठे, उपयंत्री ओमप्रकाश गुप्ता, पीओसी नरेश परौहा, बीपीओ आरपीएस मार्को और सहायक लेखा अधिकारी मनरेगा ब्रजेश पाठक को शामिल किया है।