राजस्थान विधानसभा चुनाव : टिकट आवंटन में उम्मीदवार का चुनाव जीतने का माद्दा भी देखा जाएगा : गहलोत

फाइल फोटो
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जयपुर, आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के कई मौजूदा विधायकों के टिकट कटने की अटकलों के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को कहा कि टिकट देते समय उम्मीदवार के जीतने का माद्दा भी देखा जाएगा।

गहलोत ने हालांकि कहा कि स्थानीय स्तर पर जनता के काम तो मौजूदा विधायकों के जरिए ही हुए हैं तो उन्हें कैसे टिकट से इनकार किया जा सकता है?

राजस्थान विधानसभा की कुल दो सौ सीटों पर 25 नवंबर को एक ही चरण में मतदान होगा व तीन दिसंबर को मतगणना होगी। कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी की आज दिल्ली में बैठक है जबकि केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक बुधवार को प्रस्तावित है।

बैठक में भाग लेने के लिए रवाना होने से पहले गहलोत ने टिकट वितरण को लेकर यहां मीडिया से कहा,‘‘जीतने का माद्दा देखा जाएगा। उसके आधार पर ही सारे फैसले हो रहे हैं।’’

कुछ मौजूदा विधायकों की शिकायतों व उन्हें टिकट नहीं दिए जाने की अटकलों की ओर इशारा करते हुए गहलोत ने कहा, “कुछ विधायकों की शिकायत हो सकती है। मैं नहीं कह सकता कि उनका सर्वेक्षण में क्या होगा? मैं मानता हूं कि सब विधायक भ्रष्ट नहीं होते।’’

उन्होंने कहा कि विधायकों की मांग पर ही महंगाई राहत शिविर व कॉलेज खोले गए हैं तथा सड़कें बनवाई गई हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि विधायकों की मांग पर ही तहसीलें और नगरपालिकाएं गठित की गई हैं। उन्होंने कहा कि क्षेत्र की जनता से जुड़ाव विधायक का ही होता है।

गहलोत ने कहा कि राज्य के कांग्रेस विधायकों के भ्रष्ट होने की अफवाहें मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने उड़ाई हैं। इसके साथ ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि लोकतंत्र को बचाना है तो कांग्रेस को सत्ता में लाना पड़ेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा, “मौजूदा कांग्रेस सरकार ने अच्छा काम किया है। उसकी योजनाएं अच्छी हैं। मुख्यमंत्री से लोगों को शिकायत नहीं। लोग हमारे काम व हमारी योजनाओं की प्रशंसा कर रहे हैं।”

उन्होंने कहा, “ऐसी योजनाएं संभवत: हिंदुस्तान में कहीं नहीं आई हैं। ये मेरा नहीं राजस्थान वासियों का गौरव है कि उनकी सरकार ने वे फैसले किए कि आज राजस्थान देश भर में चर्चा में आ गया।”

गायों, गौशालाओं व मंदिर पुनर्विकास की अपनी सरकार की विभिन्न पहलों का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा,‘‘इनसे (विपक्ष) पूछो कि जो काम हिंदुओं के लिए हमने किया है, आपने किया है क्या? आप किस मुंह से हिंदुत्व के नाम पर वोट मांगोगे? इनकी पोल खुल रही है अब ये खाली ईडी, आयकर, सीबीआई इनके साथ रह गई है… जनता इनके साथ नहीं रही अब।’’

अपनी सरकार पर साल 2020 में आए राजनीतिक संकट का जिक्र करते हुए गहलोत ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सहित भाजपा के नेताओं पर आरोप लगाए।

गहलोत ने दावा किया,‘‘राजस्थान राजनीतिक तौर पर चर्चा में इसलिए आया कि अमित शाह जी और मोदी जी सरकार गिरा नहीं पाए।”

उन्होंने कहा कि उसके बाद देश में राजस्थान ने अलग ही दर्जा हासिल कर लिया, क्योंकि मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र व कर्नाटक में सरकार गिर गई लेकिन यहां सरकार नहीं गिर पाई।

कांग्रेस विधायकों के भ्रष्ट होने की अफवाहें मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) द्वारा उड़ाए जाने का दावा करते हुए गहलोत ने कहा कि अगर सरकार का समर्थन करने वाले विधायक भ्रष्ट होते तो उन्हें पहले 10-10 करोड़ रुपये की पेशकश की गई थी तो वे ये पैसे ले नहीं लेते।

उन्होंने आरोप लगाया कि जब राज्यपाल ने विधानसभा की बैठक बुलाने की तारीख तय कर दी तो विधायकों को दी जाने वाली पेशकश में इज़ाफा कर दिया गया।

गहलोत ने आरोप लगाया, “ सरकार गिराने के षड्यंत्र में यहां के (केंद्रीय) मंत्री (गजेंद्र) शेखावत, धर्मेंद्र प्रधान और अमित शाह शामिल थे। क्या (उन्हें) प्रधानमंत्री जी का आशीर्वाद था या नहीं, मुझे नहीं मालूम।’’

उन्होंने कहा,‘‘वे वोट मांगने आएंगे तो लोग याद करेंगे कि ये वही लोग हैं जो हमारी चुनी हुई सरकार को गिराकर राजस्थान वासियों की बेइज्जती कर रहे थे। इनको वे बख्शने वाले नहीं हैं।”

(भाषा)

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