अम्बे मां तू भूल न जाना अगले बरस तू जल्दी आना की प्रतिध्वनि से गूंजा वातावरण, शाम से लेकर भोर तक कृतिम कुंडों में विसर्जित होती रहीं प्रतिमाएं
कटनी दैनिक मध्यप्रदेश न्यूज़। कटनी बारडोली का ऐतिहासिक दशहरा जुलूस एक बार फिर अव्यवस्थाओं की भेंट चढ़ गया। परंपरानुसा मेन रोड दक्षिण मुखी हनुमान मंदिर कमानिया गेट से दशहरा चल समारोह प्रारंभ हुआ जो काफी विलंब से हुआ। जिले भर से बड़ी तादात में लोग पहुंचे थे लेकिन अव्यवस्था हावी होने के कारण लोगों को परेशानी हुई। पूरे जुलूस मार्ग पर अव्यवस्थाएं इतनी हावी रहीं की पता ही नहीं चल रहा था कि यह कटनी का ऐतिहासिक दशहरा पर्व है। जुलूस मार्ग में बेरीगेटिंग नहीं होने से पूरे समय वाहनों की आवाजाही से अव्यवस्थाएं उजागर होती रहीं।
कभी दशहरा चल समारोह में दो सौ से अधिक प्रतिमाएं शामिल होती थीं और सुबह तक प्रतिमाओं का विसर्जन होता था लेकिन अब बारडोली का ऐतिहासिक दशहरा चल समारोह साल दर साल अपनी पहचान खोता जा रहा है। प्रतिमाओं की संख्या कम होती जा रही थी।
इस बार विगत कई वर्षों बाद दशहरा पर अच्छी भीड़ देखी गई लेकिन दशहरा चल समारोह अव्यवस्था और समितियों की मनमानी की भेंट चढ़ गया । श्री गणेश दुर्गा उत्सव समिति के बैनर तले अधिकांश समितियां एकजुट भी थी। समितियों की एकजुटता केवल डीजे के लिए दिखाई दी । आचार संहिता के नाम अनेक पाबंदियों की दुहाई देने वाला पुलिस प्रशासन की भूमिका पंगु दिखाई दी । दशहरा चल समारोह की व्यवस्थाओं के बारे में पुलिस प्रशासन अनभिज्ञ दिखाई दिया । यहां तक कि दुर्गा प्रतिमाओं को दिए जाने वाले नंबर में भी प्रशासन फेल रहा । चल समारोह कमानिया गेट से ही करीब नौ बजे काफी बिलंब से शुरु हुआ । दुर्गा समितियों की मनमानी और प्रशासन के रवैया ने जुलूस की गरिमा बिगड़ती रही । चल समारोह के बीच में सिल्वर टॉकीज झंडा बाजार आदि जगहों से प्रतिमाएं घुसती रहीं जिसे विवाद की स्थिति भी उत्पन्न हुई । जुलूस मार्ग पर स्पीकर भी नहीं लगे केवल विसर्जन घाट पर श्री गणेश दुर्गा उत्सव समिति की ओर से अच्छा प्रयास किया गया जिससे प्रतिमाएं विसर्जन करने में सहूलियत रही । कुल मिलाकर शहर के गौरवशाली दशहरा चल समारोह की गरिमा गिराने और बिगाड़ने में दुर्गा समितियां के साथ ही प्रशासन जिम्मेदार रहा ।
दूसरे दिन विसर्जित हुईं प्रतिमाएं
दशहरा के दूसरे दिन प्रतिमाओं को जुलूस के रूप में निकालकर विसर्जन समितियों द्वारा दशहरा के दूसरे दिन अलग से दुर्गा प्रतिमाओं को जुलूस के रूप में निकालकर विसर्जन किया जा रहा है। जिसकी बानगी शहर की सड़कों पर देखने को मिली। विलंब से प्रारंभ हुए जुलूस में सबसे आगे दो अश्वारोही हाथों में बैनर लेकर जुलूस का नेतृत्व करते चल रहे थे। इसके बाद गोल बाजार रामलीला कमेटी का रावण, राम दल जुलूस में चल रहा था। रामदल में भगवान श्रीराम, लक्ष्मण और हनुमान जी की एक झलक पाने को लोग बेताब रहे। जुलूस में झंडा बाजार व्यापारी संघ की दुर्गा प्रतिमा पहले नंबर पर रही। इसके ठीक पीछे घंटाघर रामलीला कमेटी के हनुमान जी और घंटाघर रामलीला कमेटी के पदाधिकारी और कार्यकर्ता जुलूस में शामिल थे।
गोलबाजार से शुरू हुआ चल समारोह
जूलूस का नेतृत्व कर रहे रावण महाराज के पुतले के साथ विधायक संदीप जायसवाल, भाजपा जिलाध्यक्ष दीपक टण्डन, नगर निगम अध्यक्ष मनीष पाठक, गोलबाजार रामलीला कमेटी के सचिव भरत अग्रवाल, उपाध्यक्ष रवि खरे, टिल्लू सिंघानिया, सत्यनारायण अग्रहरि, रामरतन पायल, पीताम्बर टोपनानी ललित जायसवाल, चमनलाल आनंद, रामचंन्द्र तिवारी, गीता गुप्ता, ललित गुप्ता, रणवीर कर्ण, शिवम शर्मा, वीरेन्द्र मिश्रा, कैलाश जैन सोगानी, आशुतोष शुक्ला,विवेक शुक्ला, रोहित सेन, शरद अग्रवाल, अंतिम गुप्ता, कैलाश गुप्ता,अंशुल तिवारी, मनीष चौबे, वेंकटेश मिश्रा, केशव मिश्रा, बिल्लू शर्मा, राजू शर्मा, संतोष जायसवाल, राजू तिवारी वेंकट खंडेलवाल, मयंक गुप्ता, मृदुल द्विवेदी, अनुभव शुक्ला, उपस्थित थे।
घंटाघर से निकाला हनुमान जुलूस
परंपरा अनुसार हनुमान जी की विशाल प्रतिमा के साथ घंटाघर से जुलूस प्रारंभ हुआ। इसके पूर्व शाम को घंटाघर रामलीला कमेटी के पदाधिकारियों के द्वारा मंच पर मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम, माता जानकी, लक्ष्मण और हनुमान जी की विधि विधान से पूजा अर्चना के साथ आरती उतारी गई उसके उपरांत हनुमान प्रतिमा की पूजा अर्चना के पश्चात प्रसाद वितरण किया गया। हनुमान जुलूस में राजाराम यादव, वरिष्ठ कांग्रेस नेता मिथलेश जैन, प्रियदर्शन गौर, कांग्रेस अध्यक्ष द्वय विक्रम खंपरिया, करण सिंह चौहान, रौनक खंडेलवाल, रमेश सोनी, सुजीत द्विवेदी, देवीदीन गुप्ता, राजकिशोर यादव सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।
बाण लगते ही जल उठा रावण
जिले में प्रसिद्ध कैमोर का ऐतिहासिक दशहरा धूमधाम से मनाया गया। एसीसी ग्राउंड में करीब 85 फीट ऊंचे रावण का दहन किया गया। आतिशबाजी देखने के लिए दूर-दूर से लोग यहां पहुंचे थे। कैमोर का दशहरा काफी प्रसिद्ध है, इसे देखने के लिए देशभर से लोग कटनी पहुंचते हैं। कैमोर के दशहरे का इतिहास करीब 84 वर्ष पुराना है। कटनी मुख्यालय से 40 किमी दूर बसी औद्योगिक नगरी कैमोर में हर वर्ष के भांति इस वर्ष भी 85 फीट ऊंचा रावण निर्माण किया गया था, इसे बनाने का कार्य एक ही परिवार पिछले कई पीढ़ियों से लगातार कर रहा है। जो पूर्णतः इको फ्रेंडली होता है। इसके लिए आदिवासी परिवार के 20 लोग मिलकर 50 दिन लगातार मेहनत कर रावण को हिस्सों में तैयार करते हैं। वहीं, अंतिम स्वरूप देने एसीसी ग्राउंड में क्रेन के माध्यम से एक के ऊपर एक रखकर उसमें आतिशबाजी के पटाखे लगाए गए थे।
यहां हुआ कोरोना रावण का दहन
प्रतिवर्ष की परंपरा मुताबिक इस बार भी संतनगर स्थिति शम्भू टॉकीज के पास प्रेमा भवन आजाद गुप्ता के निवास पर कोरोना रावण दहन का आयोजन किया गया जिसमें क्षेत्र के छोटे बच्चो द्वारा रावण का दहन किया गया कार्यक्रम के आयोजक अमन गुप्ता ,अवदेश गुप्ता के साथ क्षेत्र की धर्मप्रेमी जनता की बड़ी संख्या में उपस्थिति रही।