जयपुर, (भाषा) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने चुनावी प्रदेश राजस्थान में कथित परीक्षा पत्र लीक मामले की धन शोधन जांच के सिलसिले में बृहस्पतिवार को कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के जयपुर और सीकर स्थित परिसरों पर छापे मारे तथा विदेशी मुद्रा उल्लंघन मामले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे को तलब किया है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पूर्व स्कूली शिक्षा मंत्री डोटासरा (59) के परिसरों के अलावा दौसा में महवा सीट से पार्टी के उम्मीदवार ओमप्रकाश हुड़ला तथा कुछ अन्य के परिसरों की भी तलाशी ली जा रही है। धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत यह तलाशी ली जा रही है। ईडी के दलों के साथ केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) का एक सशस्त्र दल भी है।
कांग्रेस ने राजस्थान में अपने नेताओं के खिलाफ ईडी की कार्रवाई को लेकर केंद्र की आलोचना की और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर चुनाव लड़ने में जांच एजेंसियों की मदद लेने का आरोप लगाते हुए कहा कि लोग भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को करारा जवाब देंगे।
मुख्यमंत्री गहलोत ने ईडी की कार्रवाई की आलोचना करते हुए कहा कि देश में आतंक फैलाया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ईडी के छापों के जरिए उन्हें निशाना बना रही है क्योंकि वे उनकी सरकार को सत्ता से नहीं हटा सकते।
राजस्थान में 200 सदस्यीय विधानसभा के लिए 25 नवंबर को मतदान होगा। नतीजों की घोषणा तीन नवंबर को की जाएगी।
डोटासरा सीकर में लछमनगढ़ सीट से भाजपा के उम्मीदवार सुभाष महरिया के खिलाफ कांग्रेस के उम्मीदवार हैं। वह इस सीट से मौजूदा विधायक भी हैं जबकि हुड़ला निर्दलीय विधायक हैं तथा कांग्रेस ने इस बार उन्हें महवा विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है।
धन शोधन का यह मामला आरोपियों के खिलाफ राजस्थान पुलिस द्वारा दर्ज की गयी प्राथमिकियों पर आधारित है। ईडी ने कहा था कि आरोपियों ने ‘‘एक-दूसरे की मिलीभगत से वरिष्ठ अध्यापक ग्रेड 2 प्रतिस्पर्धी परीक्षा 2022 के सामान्य ज्ञान के प्रश्न पत्र को लीक किया, जो परीक्षा आरपीएससी द्वारा 21 दिसंबर 2022, 22 दिसंबर 2022 और 24 दिसंबर 2022 को होनी थी। आरोपियों ने यह प्रश्न पत्र परीक्षा दे रहे उम्मीदवारों को उपलब्ध कराया तथा प्रति उम्मीदवार आठ से 10 लाख रुपये लिए थे।’’
ईडी ने इस मामले में राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) के पूर्व सदस्य बाबूलाल कटारा और अनिल कुमार मीणा तथा भूपेंद्र सरन नामक दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है। जांच एजेंसी ने विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम (फेमा) के कथित उल्लंघन से संबंधित एक मामले में पूछताछ के लिए राजस्थान के मुख्यमंत्री गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को तलब भी किया है। सूत्रों ने बताया कि वैभव गहलोत को शुक्रवार को नयी दिल्ली में संघीय एजेंसी के कार्यालय में पेश होने के लिए कहा गया है।
बहरहाल, ऐसी संभावना है कि वह ईडी से किसी और दिन पेश होने का अनुरोध कर सकते हैं क्योंकि उन्हें 2011 से अब तक के दस्तावेज जुटाने पड़ेंगे ताकि उन्हें ईडी जांचकर्ताओं के समक्ष दिखा सकें। फेमा की कार्यवाही दीवानी प्रकृति की होती है जबकि पीएमएलए की कार्यवाही आपराधिक प्रकृति की होती हैं।
इस समन का संबंध राजस्थान स्थित आतिथ्य क्षेत्र से जुड़े समूह ‘ट्राइटन होटल्स एंड रिसॉर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड’, ‘वर्धा एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड’ और इसके निदेशकों एवं प्रमोटर शिव शंकर शर्मा, रतन कांत शर्मा और अन्य के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय द्वारा हाल में मारे गए छापों से है।
एजेंसी ने अगस्त में तीन दिनों तक जयपुर, उदयपुर, मुंबई और दिल्ली में समूह और उसके प्रमोटर से जुड़े परिसरों पर छापे मारे थे। इस छापेमारी के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने 1.2 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की थी जो आय के ज्ञात स्रोत से अधिक थी।
ऐसा बताया जा रहा है कि वैभव गहलोत के साथ रतन कांत शर्मा के संबंध प्रवर्तन निदेशालय की जांच के दायरे में हैं और वैभव से फेमा के तहत पूछताछ और उनका बयान दर्ज किए जाने की संभावना है। रतन कांत शर्मा पहले भी कार किराये पर देने वाली एक कंपनी में वैभव गहलोत के कारोबारी साझेदार रह चुके हैं।
राजस्थान में अपने नेताओं के खिलाफ कार्रवाई के तुरंत बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आरोप लगाया कि ईडी, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और आयकर विभाग जैसी एजेंसियां चुनाव आते ही भाजपा का ‘पन्ना प्रमुख’ (पार्टी कार्यकर्ता) बन जाती हैं।
खरगे ने कहा, ‘‘राजस्थान में अपनी हार निश्चित देखकर भारतीय जनता पार्टी ने अपना आखिरी दांव चला है। छत्तीसगढ़ के बाद ईडी अब राजस्थान में भी चुनाव प्रचार में उतर गयी है और उसने कांग्रेस नेताओं के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मोदी सरकार की तानाशाही लोकतंत्र के लिए घातक है। हम एजेंसियों के दुरुपयोग के खिलाफ लड़ते रहेंगे, जनता भाजपा को करारा जवाब देगी।’’
यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री ने दावा किया कि जहां भी चुनाव होते हैं वहां ईडी छापे मारती है। उन्होंने कहा कि चाहे छत्तीसगढ़ हो, कर्नाटक या हिमाचल प्रदेश हो, ईडी चुनाव से कुछ वक्त पहले ही छापे मारती है।
उन्होंने कहा, ‘‘छापे मारे गए लेकिन कांग्रेस चुनाव जीती। स्थिति चिंताजनक है। वे देश में आतंक मचा रही हैं।’’
आंकड़ों का हवाला देते हुए गहलोत ने कहा कि ईडी ने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) के 10 साल के कार्यकाल में 112 छापे मारे और 104 मामलों में आरोपपत्र दाखिल किए गए। लेकिन 2014 के बाद 3,010 छापे मारे गए और 881 मामलों में आरोपपत्र दाखिल किए गए।
संवाददाता सम्मेलन में कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा, राज्य के मंत्री महेश जोशी और प्रताप सिंह खाचरियावास भी मौजूद रहे।
अशोक गहलोत ने कहा कि कांग्रेस ने 25 अक्टूबर को राजस्थान की महिलाओं के लिए गारंटी की घोषणा की और ईडी ने महज एक दिन बाद ही डोटासरा तथा वैभव गहलोत के खिलाफ कार्रवाई की।
कांग्रेस के मीडिया और प्रचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने भी ईडी की कार्रवाई को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा।
खेड़ा ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘अभी पिछले हफ्ते ही अशोक गहलोत जी ने दिल्ली में एक प्रेस वार्ता की थी और चुनाव में केंद्रीय एजेंसियों की भूमिका पर सवाल उठाए थे। आज फिर ईडी राजस्थान में बहुत सक्रिय हो गयी है। मोदी जी, सीधे-सीधे चुनाव लड़िए, एजेंसियों का सहारा लेना बंद कीजिए।’’
कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने भी ईडी की कार्रवाई की निंदा की और कहा कि प्रदेश कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता एकजुटता से साथ खड़े हैं।
पायलट ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘राजस्थान कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के यहां ईडी की छापेमारी की मैं कठोर शब्दों में निंदा करता हूं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत को भी ईडी का समन दिया गया है।’’
उन्होंने कहा कि भाजपा इस तरह के हथकंडों से कांग्रेस नेताओं को डरा नहीं सकती।
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘इस प्रकार की कार्रवाई से भाजपा की घबराहट साफ़ दिखाई देती है, क्योंकि जनता आगामी चुनावों में राजस्थान में फिर कांग्रेस की सरकार लाने का मन बना चुकी है।’’