झारखंड में दो चरणों में 13 और 20 नवंबर को होगा मतदान, 23 को होगी मतगणना

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नयी दिल्ली, (भाषा) निर्वाचन आयोग ने मंगलवार को झारखंड में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान किया। पूर्वी भारत के इस जनजातीय बहुल राज्य में दो चरणों में क्रमश: 13 और 20 नवंबर को मतदान होगा, जबकि मतों की गिनती 23 नवंबर को की जाएगी।

मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में झारखंड में चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की। इसके साथ ही राज्य में आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू हो गई है।

उन्होंने कहा, ‘‘झारखंड में दो चरणों में 13 और 20 नवंबर को मतदान होगा जबकि मतगणना 23 नवंबर को महाराष्ट्र के साथ होगी।’’ आयोग ने झारखंड के साथ ही महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की भी घोषणा की। महाराष्ट्र में एक चरण में 20 नवंबर को मतदान होगा।

कुमार ने बताया कि झारखंड में मतदाताओं की कुल संख्या 2.6 करोड़ है। इनमें 1.29 करोड़ महिलाएं और 1.31 करोड़ पुरुष मतदाता हैं।

महाराष्ट्र में एक और झारखंड में दो चरणों में चुनाव कराए जाने के कारणों के बारे में पूछे जाने पर कुमार ने बताया कि पिछली बार यानी 2019 में इस राज्य (झारखंड) में पांच चरणों में मतदान हुए थे।

उन्होंने कहा कि आयोग अब जबकि पांच से कम करके दो चरणों में चुनाव करा रहा है तो ऐसे सवाल लाजिमी नहीं हैं। उन्होंने बताया कि नक्सली समस्या और कुछ विशेष परिस्थितियों के कारण झारखंड में दो चरणों में मतदान संपन्न कराया जाएगा।

उन्होंने कहा कि पहली बार मतदान के पात्र युवाओं की कुल संख्या 11.84 लाख है। कुमार ने कहा कि राज्य में कुल 29,562 मतदान केंद्रों की स्थापना की जाएगी, इनमें से 5042 मतदान केंद्र शहरी इलाकों में जबकि 24,520 केंद्र ग्रामीण इलाकों में होंगे।

राज्य में विधानसभा की 81 सीट हैं। इनमें 44 सामान्य हैं तथा 28 अनुसूचित जनजाति और नौ अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं।

झारखंड में मुख्य मुकाबला भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और सत्ताधारी झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेतृत्व वाले गठबंधनों के बीच है। यहां भाजपा का ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) और जनता दल (यूनाईटेड) के साथ गठबंधन है। इस बार तीनों दल साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं।

झामुमो नेतृत्व वाले गठबंधन में कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और वामपंथी दल शामिल हैं। हेमंत सोरेन इस गठबंधन की अगुवाई कर रहे हैं और वह राज्य के मुख्यमंत्री हैं।

झारखंड में साल 2019 के विधानसभा चुनाव में झामुमो, कांग्रेस और राजद के गठबंधन ने राज्य की 81 में से 47 सीट जीतकर स्पष्ट बहुमत हासिल किया था। इसके बाद हेमंत सोरेन दूसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री बने।

इस चुनाव में भाजपा 25 सीट पर सिमट गई थी और तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास भी चुनाव हार गए थे।

पिछले पांच सालों में झारखंड में कोई बहुत बड़ा राजनीतिक उलटफेर तो नहीं हुआ लेकिन इस दौरान झामुमो में घटे कुछ राजनीतिक घटनाक्रमों ने पूरे देश का ध्यान आकर्षित किया। मुख्यमंत्री सोरेन को कथित जमीन घोटाले से जुड़े धन शोधन के एक मामले में जनवरी 2024 में गिरफ़्तार कर लिया गया।

सोरेन ने गिरफ्तारी से पूर्व मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया और नए मुख्यमंत्री के रूप में झामुमो संस्थापक शिबू सोरेन के करीबी सिपहसालार चम्पई सोरेन की ताजपोशी हुई।

हालांकि, जून महीने में हेमंत सोरेन के जमानत पर रिहा होने के बाद चम्पई सोरेन को इस्तीफा देना पड़ा और एक बार फिर सोरेन के हाथ में राज्य की कमान आ गई। इस घटनाक्रम के कुछ दिनों बाद चम्पई सोरेन ने झामुमो से इस्तीफा दे दिया और भाजपा में शामिल हो गए।

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