बाल श्रम परियोजना के अंतर्गत संचालित स्कूल में 50 बच्चों के नाम दर्ज पर 25 सरकारी शाला में अध्यनरत शिकायत पर जांच के बाद कलेक्टर ने किया केन्द्र का संचालन निरस्त
कटनी , दैनिक मध्यप्रदेश
केन्द्र सरकार द्वारा शाला त्याग, घुमंतु जाति व शाला न जाने वाले बच्चों को शिक्षित क समाज के मुख्यधारा से जोडऩे राष्टï्रीय बाल श्रम परियोजना के तहत समूचे देश में विशेष बाल श्रम प्रशिक्षण केन्द्र संचालित किये जा रहे है। लेकिन निगरानी व जांच के अभाव में केन्द्रों में फर्जी उपस्थिति दर्शा कर फर्जीवाड़ा किया जा रहा है। जिले में परियोजना के तहत बहोरीबंद क्षेत्र के ग्राम बंधी में एन जी ओर द्वारा संचालित एक प्रशिक्षण केन्द्र में बरसों से बच्चों के नाम पर की जा रही धांधली एक शिकायत की जांच के बाद उजागर होने पर कलेक्टर द्वारा उक्त केन्द्र का संचालन निरस्त कर दिया है।
गौरतलब हो कि चार दर्शक पूर्व तत्कालीन केन्द्र सरकार द्वारा श्रमिकों के बच्चों के अलावा ऐसे बच्चे जिन्होंने शाला त्यागी दी हो, घुमंतू जाति के ऐसे बच्चे जो शाला नहीं जाते और किसी कारण वश शाला न जाने वाले बच्चों को समाज की मुख्यधारा से जोडऩे के लिये राष्टï्रीय बाल श्रम परियोजना शुरू की गयी थी। इस परियोजना के तहत पूरे देश में विशेष बाल श्रमि प्रशिक्षण केन्द्रों की स्थापना की गयी थी। इन केन्द्रों का संचालन श्रम विभाग के माध्यम से किया जा रहा था और संचालन की जिम्मेदारी समाज सेवी संस्थाओं (एनजीओ) को सौंपी गयी थी।
सर्वेयर भर्ती करने का दायित्व
बताया जाता है कि केन्द्र सरकार द्वारा प्रदत्त अनुदान से संचालित होने वाले इन बाल श्रम प्रशिक्षण केन्द्रों में बच्चों को लाने की जिम्मेदारी केन्द्र में पदस्थ शिक्षक-शिक्षिकाओं को सौंपी गयी थी जो कि अपने क्षेत्र में सर्वे कर ऐसे बच्चों की पहचान करते थे जो किसी कारणवश शाला नहीं जा पा रहे हैं और उनके पालकों की अपने बच्चों को प्रशिक्षण केन्द्र भेजने के लिये प्रेरित करते थे। बाद में ऐसे बच्चों को केन्द्र में भर्ती कर शिक्षा दी जाती थी। जानकारी के अनुसार कटनी जिले में राष्टï्रीय बाल श्रम परियोजना के तहत 35 प्रशिक्षण केन्द्र संचालित हो रहे हैं।
धांधली की शिकायत
बताया जाता है कि विगत दिवस श्रीमती साधना पति दीपक तिवारी ने 17 मई 2019 को परियोजना अधिकारी व श्रम पदाधिकारी के पास लिखित शिकायत की थी। शिकायत में कहा गया कि विकासखण्ड बहोरीबंद अंतर्गत ग्राम बंधी में एनजीओ श्रीमती फुंदी बाई आदिवासी ग्राम विकास समिति द्वारा विशेष बाल प्रशिक्षण केंद्र का संचालन किया जा रहा है में भारी धांधली हो रही है। बच्चों को प्रशिक्षण देने के नाम पर अनुदान राशि का फर्जीवाड़ा हो रहा हैं।केन्द्र में मौजूद रजिस्टर में 50 बच्चों के नाम दर्ज जरूर है लेकिन केन्द्र में एक भी बच्चें नहीं पाये गये। जांच में यह भी सामने आया था कि केन्द्र में दर्ज 50 बच्चों में 25 से ज्यादा बच्चे शासकीय स्कूल में अध्ययनरत है। इस दौरान केन्द्र में पदस्थ शिक्षक राजेन्द्र दुबे, शिक्षिका पिंकी बर्मन, क्लर्क राजकुमारी भी अनुपस्थित थे।
कलेक्टर ने किया निरस्त
जांच अधिकारी द्वारा कलेक्टर को सौंपी अपनी रिर्पोट में कहा गया था कि एनजीओ श्रीमती फुंदी बाई आदिवासी द्वारा शासकीय विद्यालय में अध्ययनरत बच्चों के नाम दर्ज किये गये हैं। केन्द्र में पर्याप्त बच्चों की उपस्थिति नहीं पायी गयी व उपस्थिति के लिये बच्चों को एकत्रित कर गलत उपस्थिति दर्ज करना पाया गया। रिर्पोट के आधार पर कलेक्टर ने उक्त प्रशिक्षण केन्द्र का संचालन निरस्त करने 16 जुलाई को आदेश जारी किये।
अन्य केन्द्रों की जांच भी जरूरी
राष्टï्रीय बालश्रम योजना के स्थानीय प्रभारी महेंद्र गौतम के अनुसार पूर्व में आयी शिकायतों की जांच में भी कुछ इसी तरह का खुलासा हुआ था जिस पर एक-दो केन्द्रों का संचालन निरस्त किया गया था। सवाल यह उठता है कि जिले में जो तीन दर्जन विशेष श्रम प्रशिक्षण केन्द्र संचालित हो रहे उनके संचालकों द्वारा किये जा रहे फर्जीवाड़े की जांच क्यों नहीं हो रही। सूक्षम व निष्पक्ष जांच हो तो कई और फर्जी तरीके से संचालित हो रहे केन्द्र बेनकाब होंगे।