मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कहा है राज्य सरकार ने एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लाने का वादा किया था। सरकार इसे अवश्य पूरा करेगी। जल्दी ही कैबिनेट में इसे और ज्यादा सक्षम बनाने पर विचार कर अंतिम रूप दिया जायेगा।
श्री कमल नाथ ने वकीलों की माँग के जवाब में कहा कि यदि वे अपनी हाउसिंग सोसायटी बनाते हैं, तो सरकार उन्हें सभी जरूरी सुविधाएँ उपलब्ध कराएगी। मुख्यमंत्री आज यहाँ मिंटो हाल में वकीलों की एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट पर आयोजित परिचर्चा को संबोधित कर रहे थे। परिचर्चा से पहले सहभागियों ने दो मिनट मौन धारण कर दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांगेस नेत्री दिवंगत श्रीमती शीला दीक्षित को श्रद्धांजलि दी गई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वकीलों की सबसे बड़ी वैचारिक प्रतिबद्धता है संविधान और कानून की रक्षा। उन्होंने कहा कि भारत का संविधान विश्व का सबसे अनूठा संविधान है। यह ऐसे देश का संविधान है, जहाँ विविधता है। यह जाति, धर्म, समुदाय, संस्कृति, परंपराओं की विविधताओं से भरापूरा देश है। ऐसे देश का संविधान आज पूरे विश्व के लिये उदाहरण है। इसका सम्मान करना सबकी जिम्मेदारी है। उन्होंने वकालत के पेशे से जुड़े सभी लोगों से आग्रह किया कि वे अपने पेशे का सम्मान करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी प्रकार के कानून संविधान से ही जन्म लेते हैं। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता, बराबरी और न्याय, प्रजातंत्र के निर्माणकारी तत्व हैं। इसके बावजूद स्वतंत्रता और बराबरी की सीमाएँ हैं लेकिन न्याय की कोई सीमा नहीं है। इसलिये वकालत के पेशे का सम्मान करने की जरूरत है।