पन्ना, तकनीक के दौर में जहां लोगों की जिंदगी आसान हुई है तो दूसरी ओर इसके अपने नुकसान भी हैं। बैंक में रखे पैसे तकनीक के जरिए एक पल में उड़ाये जा सकते हैं और लोगों को कंगाल बनाया जा सकता है। बैंक से पैसे उड़ाने के अबतक सैकड़ों मामले सामने आ चुके हैं लेकिन इस पर प्रभावी रोक लगा पाने में सरकार तथा बैंकिंग प्रणाली अब तक नाकाम रही है।
ऐसा ही एक मामला ग्राम पंचायत पुरुषोत्तमपुर में किराना की छोटी सी दुकान चलाने वाली फातिमा बेगम के साथ हुआ। चोरों ने उनके खाते से 61 हज़ार रूपए उड़ा दिये। अपने साथ हुई ठगी की लिखित रूप से उन्होंने अपने बैंक,भारतीय स्टेट बैंक गणेश मार्केट स्थित शाखा प्रबंधक को दी। हमेशा की तरह बैंक वालों ने मामले के प्रति रुखापन दिखाते हुए रटारटाया जवाब दिया कि हम देखते हैं जाकर पुलिस में शिकायत दर्ज कराओ।
ठगी की शिकार महिला ने पुलिस अधीक्षक को 10/7/19 को आवेदन पत्र देते हुए अपने साथ हुई ठगी के बारे में उल्लेख किया है कि 25/3/19 की स्थिति में मेरे खाते में 61 हज़ार रूपए थे तथा इसके बाद खाते से किसी प्रकार का लेनदेन नहीं किया। दिनांक 9/7/19 बैंक जाकर अपनी पासबुक चढ़वाई तो मुझे बताया गया कि खाते में सिर्फ 537 रूपए शेष हैं। यह सुनकर पीडि़ता के होश उड़ गए। बैंक के अनुसार ठगी की शिकार महिला के खाते से 26/4/19 को 40 हज़ार रूपए तथा 21 हज़ार रूपए आहरित होना दर्शा रहा है तथा अगले दिन 27/4/19 को ठगों द्वारा पीडि़त के खाते में 40 हज़ार रूपए जमा किया जाता है तथा उसी दिनांक को खाते से रकम निकाल ली जाती है।
खाते से राशि निकालने जमा करने के खेल से अनभिज्ञ पीडि़ता को ठगी का पता लगभग 3 महीने बाद तब लगता है जब वह अपने पति के साथ बैंक जाकर कुछ पैसे निकालना चाहती है तो बैंक द्वारा बताया जाता है कि उसके खाते में महज 537 रूपए शेष हैं। लगता है। बैंकिंग ठगी का शिकार हुई महिला ग्राम पुरुषोत्तमपुर में छोटी सी किराना की दुकान चलाती है तथा उसने यह रकम पाई-पाई जोड़कर इस भरोसे के साथ बैंक में जमा किये थे की उसका पैसा सुरक्षित रहेगा। जमापूंजी चले जाने का दु:ख और बैंक प्रबंधन का उपेक्षापूर्ण रवैया के कारण पीडि़त हतासा और निराशा से गुजर रही है।