मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के राष्ट्रिय उपाध्यक्ष शिवराज सिंह ने कहा कि विधानसभा के इतिहास में पहली बार हुआ कि जिस विधेयक पर पक्ष विपक्ष साथ था सब समर्थजन कर रहे थे उसपर डिवीज़न की बात की गयी , और इसी कोशिश में यहाँ लोकतंत्र का गला घोटा गया, हास्यास्पद स्थिति बनी. उन्होंने कहा जब विधेयक पे सर्वसम्मति थी तो डिवीज़न कैसा और डिवीज़न भी वो मांग रहा है जो सरकार का समर्थन कर रहा है और मंत्री खुद डिवीज़न की बात कर रहे हैं।
उन्होंने कहा और उससे भी ज़्यादा तकलीफ की बात ये है कि किसानों की कर्जमाफी पर जो चर्चा होनी थी वो चर्चा ना हो पाए उसको टाल देने की कोशिश की गयी। उन्होंने कहा जब सरकार गिरने लगती है और कदम कदम पर उसको लगता है अब जाएंगे तब जाएंगे वो ऐसी कोशिश करती है की हम बड़े मजबूत हैं। उन्होंने कहा ये डरे हुए लोग हैं, कर्नाटक के बाद और घबराये हुए हैं , हमने पहले भी कहा है कि सरकार गिरेगी तो अपने अंतर्विरोधों से गिरेगी।
उन्होंने कहा ये सरकार रहेगी या नहीं रहेगी इसका कोई सवाल ही नहीं था ये तो विधेयक का मामला था लेकिन जो कमजोर होता है वो अपने आपको मजबूत दिखाने की कोशिश करता है.