जम्मू कश्मीर सहित सभी हिमालई राज्यों ने विकास की राह में आ रही साझा समस्याओं के समाधान खुद खोजने की पहल करते हुए केन्द्र सरकार की भागीदारी में हिमालई राज्यों का पहला सम्मेलन रविवार को उत्तराखंड के मसूरी में आयोजित किया है।
सम्मेलन का आयोजन कर रही उत्तराखंड सरकार की ओर जारी बयान के अनुसार हिमालई राज्यों की समस्याएं और समाधान विषय पर यह पहला सम्मेलन है। केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में एकदिवसीय सम्मेलन के दौरान हिमालय क्षेत्र के सभी 11 राज्य, विकास संबंधी उन समस्याओं को चिह्नित करेंगे जो आपसी हितों में साझा समन्वय क़ायम करने में बाधक बन रही है।
आयोजन से जुड़े उत्तराखंड सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस दौरान पर्यावरण संरक्षण और विकास के विरोधाभासों को भी दूर करने के उपाय खोजे जाएँगे। उन्होंने बताया कि सम्मेलन में जम्मू कश्मीर के राज्यपाल, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम, असम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, नगालैंड, त्रिपुरा, मिजोरम एवं मणिपुर के मुख्यमंत्री शामिल होंगे।
उन्होंने बताया कि इन समस्याओं के कारगर और स्थाई समाधान सुझाने के लिए सम्मेलन में नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार और वित्त आयोग के अध्यक्ष एन के सिंह ने भी शिरकत करने की सहमति दी है। जिससे नीतिगत एवं वित्तीय समस्याओं के तात्कालिक समाधान सुनिश्चित किए जा सकें।
अपने तरह के पहले सम्मेलन में शासन, प्रशासन और विभिन्न विषयों के विशेषज्ञों की मौजूदगी वाले सभी संबद्ध राज्यों के उच्च स्तरीय प्रतिनिधि मंडल हिमालई राज्यों की समस्याओं और समाधान पर विस्तृत विचार विमर्श कर कार्ययोजना बनाएंगे। कार्ययोजना का मसौदा नीति आयोग और केन्द्र सरकार को सौंपा जाएगा। इसका मकसद हिमालई राज्यों की जरूरतों, अपेक्षाओं और क्षमताओं के मुताबिक भविष्य के विकास का संयुक्त रोडमैप तैयार कर इसे समयबद्ध तरीके से अमल में लाना है। भाषा निर्मल शोभना