कटनी, दैनिक मध्यप्रदेश / कड़ी मेहनत कर खेत में फसल पैदा करने वाला अन्नदाता बारिश के अभाव में सूखती फसल को देख खून के आंसू रो रहा है। शासन द्वारा ऋणी व अऋणी सभी कृषकों को फसल बीमा योजना का लाभ देने के निर्देश के बाद भी जिले के हजारों किसान सहकारी समितियों के प्रबंधकों के शासन के आदेश की अवहेलना करने से फसल बीमा न होने से परेशान है। फसल बीमा की अंतिम तिथि 31 जुलाई गुजरने के बाद भी बीमा न होने से आक्रोशित रीठी क्षेत्र के सैकड़ों कृषकों ने आज कलेक्टर शशिभूषण सिंह से भेंट कर ज्ञापन सौंपा। कलेक्टर द्वारा मामला संज्ञान में होने की जानकारी देते कहा कि वे लापरवाही पर कड़ी कार्यवाही करेंगे और किसी का शोषण न होने देंगे।
गौरतलब हो कि रबी व खरीफ मौसम के दौरान सहकारी समितियों द्वारा पंजीकृत कृषकों का प्रधानमंत्री फसल बीमा किया जाता है। नियम है कि जिन कृषक के ऊपर समिति का ऋण बकाया रहता है उसका बीमा नहीं होता। प्रदेश में अवर्षा की स्थिति को देखते मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा निर्देश जारी किये गये थे कि चाहे कृषक ने ऋण चुकाया हो नहीं सभी का फसल बीमा होगा। लेकिन सहकारी समितियां इस आदेश का पालन नहीं कर रही। अत: निर्धारित अवधिक 31 जुलाई गुजर जाने के बाद भी सैकड़ों कृषकों की फसल बीमित नहीं हो पायी।
पिछले वर्ष से आधे कृषकों का बीमा
जानकारी के मुताबिक जिले में कृषकों की संख्या लगभग 80 हजार है जो कि 54 सहकारी समितियों में पंजीकृत है। बताया जाता है कि सरकार के निर्देश के बाद भी फसल बीमा की निर्धारित अवधि गुजर जाने के बाद भी सहकारी समितियों द्वारा सिर्फ 5 हजार 176 कृषकों का ही बीमा किया है जबकि पिछले वर्ष 14 हजार कृषकों का बीमा हुआ था। यह बात अपने आप में आश्चर्यजनक है कि मुख्यमंत्री द्वारा ऋणी व अऋणी सभी कृषकों का बीमा कराने के निर्देश के बाद भी इतने कम कृषकों का बीमा कैसे हुआ।
सौंपी शिकायत, मिला आश्वासन
जानकारी के मुताबिक रीठी तहसील के आदिम जाति सहकारी समिति तिलगवां से संबंधित सैकड़ों कृषकों ने आज कलेक्टर श्री सिंह से भेंट कर अपनी शिकायत सौंपी। शिकायत में कहा गया कि 25 जुलाई को जब उन्हें पता चला कि सरकार ऋणी व अऋणी किसानों के फसल बीमा करने का निर्देश दिया है तो वे समिति के प्रबंधक देवेन्द्र गर्ग से मिले और बीमा करने को कहा तो उनका कहना था कि आदेश है कि कर्जदार कृषकों का बीमा न किया जाएं। कृषकों द्वारा वर्षा न होने से सूख रही फसलों का हवाला देते बीमा करने का आग्रह करते कहा कि अगले सीजन में ऋण चुका देंगे। जिस पर समिति प्रबंधक भड़क गये और उन्हें लौटा दिया।
शिकायत कर्ताओं के अनुसार कृषि व सहकारिता विभाग से संपर्क किये जाने पर जब उन्हें पता चला कि कर्जदार कृषक का बीमा करने का निर्देश है तो उन्होंने पुन: ब्रांच मैनेजर राजेंद्र तिवारी से बात की जिस पर उन्होंने अभद्रता करते यह कहते लौटा दियाकि जब तक तुम लोग कर्ज नहीं वापस करोंगे बीमा नही होगा। ब्रांच मैनेजर व सहायक समिति प्रबंधक द्वारा कृषकों को लगातार प्रताडि़त किया जा रहा है और उनके द्वारा यह कहा जाता है कि जहां शिकायत करना हो करो। कई बार आग्रह करने पर ब्रांच मैनेजर राजेंद्र तिवारी का कहना था कि मेरी कलेक्टर से बात कराओ ऐसा कोई नियम नही है। कृषकों ने कलेक्टर को बताया कि हमने बाजार से कर्ज लेकर फसल बोई है वह भी कम बारिश से नष्टï हो रही हैं अगर हमें फसल बीमा का लाभ नहीं मिलता तो जीवन यापन करना मुश्किल हो जायेगा।
”मामला मेरी जानकारी में है। लापरवाही पर कड़ी कार्यवाही की जायेगी। किसी भी किसान का शोषण नहीं होने देंगे। ” -शशि भूषण सिंह कलेक्टर कटनी