कटनी, दैनिक मध्यप्रदेश
रेल स्टेशनों में कार्यरत सफाई कर्मियों से अब आरपीएफ व जीआरपी वर्दी का खौफ दिखाकर अपनी चाकरी नही करा सकेंगे। लगातार इस बारे में मिल रही शिकायतों के बाद पश्चिम मध्य रेल का जबलपुर मंडल सख्त हो गया है और वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक बसंत कुमार शर्मा ने जबलपुर-कटनी स्टेशनों के अलावा मंडल के अन्य स्टेशनों के जिम्मेदारों व सुपरवाइजरों को पत्र भेज कर जीआरपी व आरपीएफ द्वारा संविदा पर कार्यरत सफाई कर्मियों पर दबाव डालकर कराये जा रहे निजी कार्यो पर सख्ती से रोक लगाने के निर्देश दिये है। ऐसी घटना की जानकारी मिलने पर संबंधितों के विरूद्घ अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी।
दरअसल, मंडल रेल प्रशासन के वाणिज्य विभाग को इस तरह के सख्त मजमून वाले पत्र को लिखने की जरूरत इसलिए पड़ी कि लगातार इस बात की शिकायत डीआरएम सहित तमाम आला अधिकारियों तक पहुंचती रही है कि जबलपुर स्टेशन ,कटनी और मंडल के अन्य स्टेशनों पर लगे संविदा सफाई कर्मचारियों से आरपीएफ, जीआरपी कर्मियों द्वारा सफाई सुपरवाइजर को निर्देशित कर अपने पद का दुरुपयोग के काम में उपयोग किया जा रहा है. खासकर आरपीएफ के अधिकारियों, न्यायिक सदस्यां के स्टेशन पर आगमन, प्रस्थान के दौरान इस तरह की शिकायतें पाई गई हैं.
बॉडी के लिये मिलते हैं 5 हजार
जबलपुर रेल मंडल के वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक बसंत कुमार शर्मा द्वारा गत 4 अगस्त 2019 को पूरे मंडल के स्टेशन प्रबंधक वाणिज्य, वाणिज्य निरीक्षकों, मुख्य बुकिंग एवं पार्सल पर्यवेक्षकों को जो पत्र लिखा गया है, उसमें स्पष्ट किया गया है कि स्टेशन परिसर व रेल लाइन पर अप्रिय घटना के पश्चात लावारिश डेड बॉडी प्राप्त होने पर उसको घटना स्थल से समीप के जीआरपी थाने अथवा पोस्ट मार्टम के लिए अस्पताल तक ले जाने हेतु भी संविदा सफाई कर्मियों को जीआरपी द्वारा ले जाया जाता है, चूंकि रेलवे बोर्ड के कोचिंग रेट्स सर्कुलर के मुताबिक इस कार्य को सम्पन्न कराने हेतु जीआरपी को प्रति मामले में 5 हजार रुपए या वास्तविक खर्च जो भी कम हो, उसका भुगतान रेलवे द्वारा किया जाता है.
स्टेशन की सफाई हो रही बाधित, होगी कार्रवाई
पत्र में सभी संबंधितों को ताकीद की गई है कि इस तरह के कृत्य से रेलवे की सफाई बाधित होती है एवं जनमासन में रेलवे की छवि खराब होती है. यह कृत्य सीधे शासकीय कार्य के लिए नामित जनशक्ति के दुरुपयोग का मामला है, सभी इस तरह के मामलों पर सख्ती बरतें।