उच्चतम न्यायालय में एक मुस्लिम पक्ष ने राजनीतिक रूप से संवदेनशील राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले की सप्ताह में पांच दिन सुनवाई किए जाने का शुक्रवार को विरोध करते हुए कहा कि अगर इतनी जल्दबाजी में सुनवाई की जाती है तो उसके लिए न्यायालय की सहायता करना संभव नहीं होगा।
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने मामले में चौथे दिन शुक्रवार को सुनवाई शुरू की। पीठ में न्यायमूर्ति एस ए बोबड़े, न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस ए नजीर भी शामिल हैं।
मुस्लिम पक्ष की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने मामले में पांच दिन सुनवाई किए जाने पर आपत्ति जताई। धवन ने पीठ को बताया, अगर सप्ताह के सभी दिनों में सुनवाई होती है तो न्यायालय की सहायता करना संभव नहीं होगा। यह पहली अपील है और इतनी जल्दबाजी में सुनवाई नहीं हो सकती और यह मेरे लिए प्रताडऩा है।
इस पर पीठ ने धवन से कहा कि उसने दलीलों पर गौर किया है और वह जल्द से जल्द जवाब देगी।