नए लॉ कॉलेज खोलने पर बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने तीन साल की रोक लगाई

प्रतीकात्मक तस्वीर
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देश में धड़ल्ले से खुल रहे लॉ कॉलेजों पर संज्ञान लेते हुए बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) ने कानून की पढ़ाई के लिए नए संस्थान खोलने पर तीन साल की रोक लगा दी है।  राज्यों द्वारा नए लॉ कॉलेज खोले जाने के प्रस्ताव पर यह रोक लागू होगी और राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय इसके दायरे से बाहर होंगे।   

बीसीआई ने कहा कि वह मौजूदा संस्थानों के मानक को बेहतर करने पर जोर देगी और उपयुक्त बुनियादी ढांचा या अध्यापकों के अभाव वाले संस्थानों को अगले तीन साल में बंद कर दिया जाएगा।   वकीलों की शीर्ष संस्था ने राज्य सरकारों और विश्वविद्यालयों से कदाचार रोकने और सभी कॉलेजों एवं विश्वविद्यालयों में चार महीने की अवधि में रिक्तियां भरने का अनुरोध किया है।   

बीसीआई ने कहा कि देश में वकीलों की कोई कमी नहीं है और मौजूदा संस्थान सालाना जरूरी संख्या में विधि स्नातक देने के लिए पर्याप्त हैं। साथ ही, बीसीआई देश में कानून के अध्यापकों को प्रशिक्षित करेगी। 

 वकीलों की संस्था ने कहा कि देश में करीब।,500 लॉ कॉलेज हैं और विश्वविद्यालयों एवं कुछ राज्यों के सुस्त रवैए के चलते कई कॉलेज बगैर उपयुक्त बुनियादी ढांचे के संचालित हो रहे हैं। राज्य सरकारें अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) जारी कर रही है और विश्वविद्यालय उन्हें धड़ल्ले से मान्यता प्रदान कर रहे हैं।   

बीसीआई ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की भी आलोचना करते हुए कहा कि 90 फीसदी लॉ कॉलेजों को अपने मानकों को बेहतर करने के लिए कोई अनुदान नहीं मिलता।   इसने यह भी कहा कि एलएलएम या पीएचडी(लॉ) हासिल करना बहुत आसान है, इस वजह से देश में कानून के अच्छे अध्यापकों का अभाव है।   

बीसीआई ने कहा, एलएलएम और पीएचडी की डिग्री बीसीआई के नियंत्रण के तहत नहीं है और एलएलबी डिग्री की सिर्फ मंजूरीामान्यता ही इसके दायरे में है।   इसने कहा कि विश्वविद्यालयों को नए कॉलेजों को मान्यता देने को रोकने का अनुरोध किया गया था लेकिन फिर भी 300 एनओसी जारी कर दिए गए।   बीसीआई ने यह भी कहा कि वह नए संस्थानों के लिए सिर्फ लंबित प्रस्तावों पर विचार करेगी और नए आवेदन पर विचार नहीं किया जाएगा। 

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