MP : नगालैंड से फर्जी शस्त्र लाइसेंस बनवाकर हथियार रखने के आरोप में चार लोग गिरफ्तार, एक फरार

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रतलाम, मध्य प्रदेश की रतलाम पुलिस ने फर्जी तरीके से नगालैंड से बनवाए गए देश भर के लिए मान्य शस्त्र लाइसेंस के आधार पर हथियार रखने के आरोप में चार लोगों को यहां गिरफ्तार किया, जबकि एक फरार है।  जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि इन पांच लोगों ने रतलाम से करीब 2600 किलोमीटर दूर नगालैंड से ए शस्त्र लाइसेंस प्राप्त किया था। 

जांच के अनुसार पांचों लाइसेंसों में से दो लाइसेंस जिन व्यक्तियों के नाम पर जारी हुए हैं वह असलियत में उनके पास नहीं होकर इन आरोपियों के पास हैं, जबकि तीन लाइसेंस का कोई रिकॉर्ड नगालैंड के कार्यालय में नहीं है।  रतलाम जिले के पुलिस अधीक्षक गौरव तिवारी ने इस धोखाधड़ी का खुलासा किया।

उन्होंने बताया कि विगत लोकसभा चुनाव के समय सभी शस्त्र लाइसेंस धारियों के शस्त्र जमा कराए गए थे। प्रशासन ने जब इन लाइसेंस धारियों की पृष्ठभूमि की बारीकी से जांच की तो पता चला कि कुछ लोगों के पास पहले से आपराधिक रिकॉर्ड होने के बावजूद शस्त्र लाइसेंस हैं।  उन्होंने कहा कि पुलिस जांच में यह भी पाया गया कि उन्हें शस्त्र लाइसेंस मध्यप्रदेश से नहीं बल्कि नगालैंड से जारी हुए थे जो देश भर के लिए मान्य थे।

 तिवारी ने बताया कि इस पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक इंद्रजीत बाकलवार तथा सुनील पाटीदार ने जावरा के नगर पुलिस अधीक्षक अगम जैन के नेतृत्व में विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया। एसआईटी ने पांच महीने में पूरे रतलाम जिले के शस्त्र लाइसेंस की गहन जांच की, जिसमें पांच शस्त्र लाइसेंस संदेहास्पद पाए गए।

 उन्होंने बताया, ए लाइसेंस जीवन सिंह राठौर, राजेंद्र टांक, कमरुद्दीन अली, मुकेश प्रजापत तथा अविनेन्द्र सिंह के नाम से पाए गए। ए पांचों रतलाम जिले के रहने वाले हैं। नगालैंड से प्राप्त इन लाइसेंसों की जांच में पाया गया कि तीन व्यक्तियों जीवन सिंह, राजेंद्र टांक और अविनेन्द्र सिंह के खिलाफ पहले विभिन्न थानों में आपराधिक मामले दर्ज थे। उसके बावजूद भी उनके लाइसेंस जारी हुए थे।   

तिवारी ने बताया, पुलिस ने इस संबंध में विस्तृत जांच के लिए एक दल को नगालैंड के जुन्हेबोटो जिला भेजा। नगर पुलिस अधीक्षक अगम जैन ने जुन्हेबोटो के पुलिस अधीक्षक एवं पुलिस आयुक्त से सतत सम्पर्क रखा। उन्हें जानकारी मिली कि जीवन सिंह एवं अविनेंद्र सिंह भाटी द्वारा प्रस्तुत शस्त्र लाइसेंस अन्य व्यक्तियों के नाम से नगालैंड में दर्ज हैं, जबकि राजेंद्र टांक, कमरुद्दीन अली एवं मुकेश प्रजापत द्वारा प्रस्तुत लाइसेंस का कोई रिकॉर्ड वहां के कार्यालय में नहीं था।   

उन्होंने कहा, पुलिस ने पांचों आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर उनके हथियार एवं संबंधित दस्तावेज जब्त कर लिए हैं। आरोपी जीवन सिंह फरार है, जबकि अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।  (भाषा)

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