भोपाल, मध्य प्रदेश में इस मानसून के दौरान अब तक सामान्य से 28 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है। भारत मौसम विभाग के भोपाल केन्द्र के वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक अजय शुक्ला ने पीटीआई-भाषा को बृहस्पतिवार को कहा, मध्य प्रदेश में एक जून से 12 सितंबर सुबह तक 1100 मिलीमीटर वर्षा हुई है, जो इस अवधि में होने वाली सामान्य बारिश से 28 प्रतिशत अधिक है।
उन्होंने कहा कि इस अवधि में राज्य में 861 मिलीमीटर बारिश सामान्य मानी जाती है। शुक्ला ने बताया कि एक जून से 30 सितंबर तक मध्य प्रदेश में औसतन 952 मिलीमीटर बारिश होती है। उन्होंने कहा कि यदि अब इस मानसून में मध्य प्रदेश में बारिश नहीं भी होती है, तो भी राज्य में साल भर के लिए पर्याप्त पानी हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि राज्य के 52 जिलों में से केवल दो जिलों –शहडोल एवं सीधी में ही वहां होने वाली बारिश से औसतन कम बारिश हुई है। शहडोल में सामान्य से 21 प्रतिशत कम बारिश दर्ज की गई है, जबकि सीधी में 24 प्रतिशत कम वर्षा हुई है।
शुक्ला ने बताया कि राज्य के अन्य जिलों में सामान्य या सामान्य से अधिक बारिश हुई है। मंदसौर जिले में सबसे अधिक बारिश 1625 मिलीमीटर दर्ज की गई है, जो वहां पर होने वाली बारिश से 122 प्रतिशत अधिक है।
पिछले कुछ दिनों से हो रही भारी बारिश से राज्य के नदी-नाले उफान पर हैं और राज्य की जीवनदायिनी नर्मदा नदी खरगोन जिले के मोरटक्का में खतरे के निशान से 2.12 मीटर ऊपर बह रही है। मोरटक्का में नर्मदा का जलस्तर 166.10 मीटर है, जो वहां पर खतरे के निशान 163.98 मीटर के खतरे के निशान से 2.12 मीटर अधिक है।
भारी बारिश के चलते राज्य के बांध एवं जलाशय लबालब भर गए हैं, जिसके कारण अधिकांश बांधों के गेट खोलकर पानी छोड़ा जा रहा है। नदियों के किनारे बसे इलाकों में बाढ़ के हालात बने हुए हैं।
मौसम विभाग के अनुसार बुधवार साढ़े आठ से बृहस्पतिवार साढ़े बजे तक राज्य के होशंगाबाद में सबसे अधिक 16 सेंटीमीटर बारिश दर्ज की गई, जबकि नसरूल्लागंज में 15 सेंटीमीटर, रेहली एवं बुधनी में 13-13 सेंटीमीटर, नलखेडा में 12 सेंटीमीटर, हटा में 10 सेंटीमीटर, बेगमगंज में 9 सेंटीमीटर और कोमता, नरसिंहपुर एवं बाटासिवनी में 8-8 सेंटीमीटर वर्षा हुई। शुक्ला ने बताया कि अगले दो दिनों तक मध्य प्रदेश में भारी बारिश का यह दौर जारी रहने की संभावना है। (भाषा)