इंदौर, मध्यप्रदेश की कमलनाथ नीत सरकार ने अपने कार्यकाल के महज 10 महीने के भीतर प्रदेश में एक लाख करोड़ रुपए से ज्यादा के औद्योगिक पूंजी निवेश प्रस्तावों को आकर्षित किया है। राज्य सरकार के एक शीर्ष अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। राज्य के मुख्य सचिव सुधिरंजन मोहंती ने यहां संवाददाताओं को बताया, कमलनाथ के प्रदेश की कमान संभालने के बाद हमें 1.05 लाख करोड़ रुपए के औद्योगिक निवेश की तकरीबन गारंटी मिल चुकी है। इस प्रस्तावित निवेश से 2.10 लाख लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में 31,500 करोड़ रुपए के कुल निवेश वाली औद्योगिक इकाइयां लगाने का काम जनवरी से शुरू भी हो गया है। सूबे में अन्य औद्योगिक परियोजनाओं में मार्च 2020 तक 74,260 करोड़ रुपए का निवेश संभावित है। मोहंती ने बताया कि इन प्रस्तावित परियोजनाओं के अलावा नया निवेश आकर्षित करने के लिए प्रदेश सरकार कल शुक्रवार को यहां “मैग्निफिसन्ट मध्यप्रदेश” नाम से सम्मेलन आयोजित कर रही है।
इस सम्मेलन में उद्योग जगत के करीब 900 नुमाइंदे भाग लेंगे। इनमें कुमार मंगलम बिड़ला, आदि गोदरेज, संजीव पुरी, दिलीप संघवी, विक्रम किर्लाेस्कर और रवि झुनझुनवाला प्रमुख हैं। देश के शीर्ष उद्योगपतियों में शुमार मुकेश अम्बानी वीडियो प्रसारण के जरिए सम्मेलन में अपना संदेश देंगे। उन्होंने बताया, मुख्यमंत्री कमलनाथ के निर्देशों के मुताबिक हमने तय किया है कि इस बार हम निवेशक सम्मेलन में कम्पनियों के साथ समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर दस्तखत नहीं करेंगे। हम केवल ठोस निवेश पर बात करेंगे।
मोहंती ने विस्तृत जानकारी दिए बिना बताया कि एक दिवसीय निवेशक सम्मेलन में सूबे में लॉजिस्टिक्स और वेयर हाउसिंग क्षेत्र में बड़े पूंजी निवेश की घोषणा की जा सकती है। इस सम्मेलन में खाद्य प्रसंस्करण, पर्यटन, फार्मा, आईटी, नवीकरणीय ऊर्जा, नगरीय विकास, कपड़ा निर्माण और खनन पर खास जोर रहेगा। उन्होंने बताया कि पूर्ववर्ती प्रदेश सरकार के कार्यकाल के दौरान तीन साल पहले आयोजित निवेशक सम्मेलन में करीब पांच लाख करोड़ रुपए के एमओयू पर दस्तखत किए गए थे।
हालांकि, इसमें से 1.20 लाख करोड़ रुपए का निवेश ही धरातल पर उतर सका जो एमओयू की कुल राशि का 24 प्रतिशत है। पिछले साल नवंबर में संपन्न विधानसभा चुनावों में शिवराज सिंह चौहान की अगुवाई वाली भाजपा को सीटों के नजदीकी अंतर से मात देते हुए कांग्रेस 15 साल के लम्बे अंतराल के बाद सूबे की सत्ता में लौटी थी। कमलनाथ ने 17 दिसंबर 2018 को सूबे के नए मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। (भाषा)