नयी दिल्ली, 17 फरवरी दिल्ली उच्च न्यायालय ने गार्गी कॉलेज में छात्राओं के साथ कथित छेड़छाड़ की घटना की अदालत की निगरानी में सीबीआई जांच कराने की मांग कर रही एक याचिका पर सोमवार को केन्द्र सरकार और केंद्रीय एजेन्सी से जवाब मांगा । यह कथित छेड़खानी पिछले हफ्ते कॉलेज में एक सांस्कृतिक समारोह के दौरान हुई थी।
मुख्य न्यायाधीश डी. एन. पटेल और न्यायमूर्ति सी. हरिशंकर की एक पीठ ने वकील एम.एल शर्मा की ओर से दायर याचिका पर केन्द्र और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को नोटिस जारी किया है। उच्चतम न्यायालय के शर्मा की याचिका पर सुनवाई करने से इनकार करने और उच्च न्यायालय जाने का आदेश देने के बाद गुरुवार को उन्होंने यह याचिका दायर की थी।
अधिवक्ता एवं याचिकाकर्ता एम. एल. शर्मा ने याचिका में कॉलेज के सीसीटीवी कैमरों के सारे फुटेज और सभी वीडियो रिकॉर्डिंग सुरक्षित रखने की मांग की है। याचिका में ‘सुनियोजित आपराधिक साजिश’ रचने वालों की गिरफ्तारी की भी मांग की गई।
इस घटना के सिलसिले में पुलिस ने 12 फरवरी को 18 वर्ष से 25 वर्ष की उम्र के दस लोगों को गिरफ्तार किया था। गौरतलब है कि दक्षिण दिल्ली स्थित गार्गी कॉलेज में छह फरवरी को सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान कुछ व्यक्तियों के एक समूह ने परिसर में घुस कर छात्राओं से कथित तौर पर छेड़छाड़ की थी।
छात्राओं ने दावा किया है कि इस पूरी घटना के दौरान सुरक्षा अधिकारी खड़े होकर तमाशा देखते रहे। छात्राओं के सोशल मीडिया पर आपबीती बयां करने के बाद इस मामले ने तूल पकड़ा था। शर्मा ने अपनी याचिका में आरोप लगाया था ‘‘यह, दिल्ली चुनाव की पृष्ठभूमि में एक सुनियोजित राजनीतिक और आपराधिक साजिश थी और घटना के बाद कोई कार्रवाई नहीं की गई। छह फरवरी को हुई घटना में ना ही प्रिंसिपल और ना ही अन्य राज्य अधिकारियों ने इसे रोकने की कोशिश की और ना ही किसी आरोपी को गिरफ्तार किया गया।’’
याचिका में दावा किया गया है, ‘‘जय श्री राम के जानबूझकर लगाये गये नारों से पता चलता है कि यह एक राजनीतिक, सुनियोजित साजिश है।’’ साथ ही याचिका में आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री को जिम्मेदार ठहराया गया है।
पुलिस के अनुसार, भारतीय दंड संहिता की धाराओं 452 (हमला करना, या नुकसान पहुंचाने के इरादे से अनधिकृत तरीके से घुसना), धारा 354 (महिला की मर्यादा भंग करने के लिए उस पर हमला या आपराधिक बल प्रयोग), धारा 509 (किसी महिला की मर्यादा का अनादर करने के आशय से कोई अश्लील शब्द कहना, हावभाव प्रकट करना या कोई कृत्य करना) और धारा 34 (साझा आपराधिक इरादा) के तहत मामला दर्ज किया गया है। (भाषा)