नयी दिल्ली, 17 फरवरी आईआरसीटीसी ने सोमवार को कहा कि काशी-महाकाल एक्सप्रेस की उद्घाटन यात्रा के दौरान इसमें भगवान शिव के लिए एक सीट आरक्षित की गई, ताकि इस नयी परियोजना की सफलता के लिए उनका आशीर्वाद लिया जा सके। हालांकि, इस कदम पर सवाल भी उठाये गए हैं।
भारतीय रेलवे खान-पान एवं पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) ने एक बयान में कहा कि ट्रेन कर्मचारियों ने काशी-महाकाल एक्सप्रेस की उद्घाटन यात्रा के दौरान रविवार को पूजा करने के लिए ऊपर की एक सीट (अप्पर बर्थ) पर श्री महाकाल का फोटो कुछ समय के लिए रखा था। वहीं, एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इस कदम पर सवाल उठाया और प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को टैग करते हुए संविधान की प्रस्तावना की एक तस्वीर ट्वीट की।
रेलवे ने तीन ज्योर्तिलिंगों–ओंकारेश्वर (इंदौर के पास स्थित), महाकालेश्वर (उज्जैन) और काशी विश्वनाथ (वाराणसी)– को जोड़ने वाली ट्रेन के डिब्बे बी 5 में सीट नंबर 64 भगवान शिव के लिए आरक्षित की थी। ट्रेन का पहला वाणिज्यिक परिचालन 20 फरवरी को होना है।
आईआरसीटीसी ने बयान में कहा, ‘‘नयी काशी-महाकाल एक्सप्रेस ट्रेन के कर्मचारियों ने ऊपरी बर्थ पर अस्थायी रूप से भगवान शिव का फोटो रखा, ताकि नयी परियोजना (नयी ट्रेन और नयी रैक) की सफलता के लिए उनका आशीर्वाद लिया जा सके। यह सिर्फ उद्घाटन परिचालन के लिए ही था।’’ बयान में कहा गया है, ‘‘उद्घाटन परिचालन यात्रियों के लिए नहीं था।
20 फरवरी 2020 से शुरू हो रही इस ट्रेन की वाणिज्यिक यात्रा के दौरान इस उद्देश्य के लिए इस तरह की कोई आरक्षित या समर्पित सीट नहीं रखी जाने वाली है।’’ भारतीय रेल की अनुषंगी, आईआरसीटीसी द्वारा संचालित यह तीसरी ट्रेन होगी। इस ट्रेन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 16 फरवरी को वाराणसी जंक्शन पर हरी झंडी दिखा कर रवाना किया था। (भाषा)