कटनी, दैनिक मध्यप्रदेश न्यूज़।
पिछले 15 दिनों से हो रहे मौसम में बदलाव के बीच आज बरही क्षेत्र के आधा दर्जन गांव एवं ढीमरखेड़ा जनपद क्षेत्र में एक दर्जन गांवों में दोपहर बाद हुई ओलावृष्टिï से फसलों को नुकसान पहुंचने की जानकारी मिल रही है जिसके बाद प्रशासनिक स्तर पर भी अधिकारी नुकसान का आंकलन करने की तैयारी कर रहे हैं।
शुक्रवार सुबह से ही सूरज की लुका-छिपी और बादलों के मंडराने के बाद उम्मीद लगायी जा रही थी कि बारिश हो सकती है। इसी बीच ढीमरखेड़ा क्षेत्र के ग्राम भमका, परसेल, अंतरवेद गनियारी, ढीमरखेड़ा, रामपुर बरेली सहित एक दर्जन गांवों में लगभग 10 मिनट तक हुई ओलावृष्टिï से फसलों को नुकसान पहुंचने की जानकारी मिल रही। ग्रामीणों ने बताया कि 20-25 ग्राम के ओले एकाएक दोपहर 3 बजे से गिरना प्रारंभ हुआ जो लगातार 10 मिनट तक जारी रहा। ओलावृष्टिï के कारण चना, गेंहू, मसूर, बटरी सहित सब्जी की खेती को नुकसान पहुंचा है।
बरही क्षेत्र में भी हुआ नुकसान
दोपहर बाद मौसम बदलते ही बरही तहसील के खितौली, हर्रवाह, बरनमहगवां, निपनिया, बंगला टोला में भी आधे घंटे तक हुई बारिश के साथ ओले गिरे जिससे फसलों को भारी नुकसान हुआ है। विदित हो कि इससे पूर्व भी विजयराघवगढ़ क्षेत्र में ओलावृष्टिï के कारण हजारों किसानों की फसलें तबाह हो चुकी हैं और राजस्व अमले ने सर्वे करने के उपरांत क्षेत्र में मुआवजा देने शासन से मांग की है।
जिले में लगातार बदल रहे मौसम से किसानों में चिंता के बादल देखे जा रहे हैं क्योंकि दलहन की फसल के अलावा गेहूं पककर खेतों में खड़ा हुआ है और बार-बार मौसम बदलने की वजह से किसानों की नींद उड़ी हुई है। कृषि सूत्रों की माने तो जिले में 1 लाख 95 हजार हैक्टेयर भूमि में किसानों ने फसल लगाई है और लगातार हो रही बीच-बीच में बारिश से खेतों में फसले भी अच्छी हैं एवं बम्फर पैदावार की उम्मीद है।
”दोपहर में जैसे ही ओलावृष्टि हुई उसके बाद तत्काल आरआई एवं पटवारियों को सर्वे के निर्देश दिये गये हैं 10 मिनट तक हुई ओलावृष्टि से हुए नुकसान की जानकारी सर्वे रिपोर्ट में ही पता चल सकेगी।“ – पूर्वी तिवारी, ढीमरखेड़ा तहसीलदार