रायपुर, 30 मार्च छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध किया है कि इस लॉकडाउन के दौरान मदद के लिए वे मनरेगा मजदूरों, असंगठित कामगारों, जन-धन खातों और संगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए राहत पैकेज दें। राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि मुख्यमंत्री बघेल ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर कोराना वायरस संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा की गई सकारात्मक पहल की सराहना की तथा छत्तीसग में वायरस से संक्रमित लोगों की स्थिति और लॉकडाउन के दौरान की गई व्यवस्थाओं की जानकारी दी है।
अधिकारियों ने बताया, मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से मनरेगा मजदूरों, असंगठित कामगारों, जन-धन खातों और संगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए राहत पैकेज देने का अनुरोध किया है ताकि विपदा की घ ी में उन्हें आर्थिक सहायता मिल सके। बघेल ने लिखा है, कोरोना वायरस संक्रमण का प्रसार रोकने के लिए छत्तीसग में 21 मार्च से लॉकडाउन की घोषणा की गई है। जिससे राज्य में वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या सीमित रखने में सहायता मिली है। राज्य में अभी तक सात लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है, उनकी दशा सामान्य है। सौभाज्ञ से राज्य में अभी तक इस वायरस ने किसी की जान नहीं ली है।
उन्होंने कहा, एम्स रायपुर का अमला तथा राज्य शासन के सभी अधिकारी आपदा के इस समय में आम जनता को सभी आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए पूरी मुस्तैदी के साथ मोर्चा संभाले हुए हैं। लेकिन लॉकडाउन से धीरे-धीरे राज्य की जनसंख्या के ब े भाग को आर्थिक संकट का सामना करना प रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा है, 26 मार्च को केन्द्रीय वित्तमंत्री द्वारा आमजन को सहायता पहुंचाने के लिए की गई घोषणाएं सराहनीय हैं। इससे समाज के ब े तबके को राहत मिली है। केन्द्र सरकार द्वारा की गई सकारात्मक पहल को निरंतर जारी रखने की आवश्यकता है, क्योंकि अभी भी समाज के एक बड़े तबके को उन घोषणाओं का लाभ प्राप्त नहीं हुआ है। विशेष तौर पर मनरेगा योजना के तहत आने वाले भूमिहीन मजदूर तथा असंगठित क्षेत्र के कामगार, वर्तमान परिस्थितियों में इनका जीवन-यापन दूभर होना तय है।
बघेल ने सुझव दिया है, मनरेगा और असंगठित क्षेत्र के कामगारों के खातों में अगले तीन महीने तक एक-एक हजार रुपए डाले जाएं। सभी जन-धन खाता धारकों को तीन महीने तक 750 रुपए प्रतिमाह की राशि दी जाए। इसमें महिला, पुरूष, जीरो बैलेन्स अथवा अप्रचलित खाते सभी शामिल हों। मुख्यमंत्री ने केन्द्र सरकार से अनुरोध किया है कि 15 हजार रुपए प्रतिमाह से कम कमाने वाले संगठित क्षेत्र के सभी कामगारों के भविष्य निधि की संपूर्ण राशि अगले तीन महीने तक वही दे और उसमें कोई पूर्व शर्त ना रखे। (भाषा)