नई दिल्ली, 8 अप्रैल (भाषा) माकपा ने कोरोना वायरस के संकट से निपटने के लिए सरकार की रणनीति को नाकाम बताते हुए देश में एम्सत्र्सहित सभी चिकित्सा संस्थानों में स्वास्थ्य कर्मियों के वास्ते सुरक्षा उपकरर्णों पीपीईी की कमी के लिए केन्द्र सरकार की लचर नीति को जिम्मेदार ठहराया है।त्र
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी माकपा के महासचिव सीताराम एचुरी ने बुधवार को कोरोना के खिलाफ जंग में अब तक संसाधनों के अभाव से जूझ् रहे चिकित्सकों के बारे में सरकार से पूछा कि एम्स जैसे शीर्ष चिकित्सा संस्थान में पीपीई की कमी के लिए कौन जिम्मेदार है?
एचुरी ने ट्वीट कर कहा, केन्द्र सरकार को लोगों से ताली-थाली बजाने को कहने के बजाय जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अहमदाबाद में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का स्वागत कर रहे थे, उस समय सरकार को पीपीई की आपूर्ति करने का काम करना चाहिए था। एचुरी ने मोदी सरकार पर अपनी जिम्मेदारी से भागने का आरोप लगाते हुए कहा, प्रधानमंत्री और मंत्री न तो संवाददाता सम्मेलन कर रहे हैं, ना ही सवालों के जवाब दे रहे हैं। जनता के प्रति जवाबदेही से सरकार बच रही है। यह अपनी जिम्मेदारी से भागना है और जिन लोगों ने सरकार चलाने के लिए वोट दिया, उनका अपमान है।त
एचुरी ने कोरोना संकट की गंभीर स्थिति का जिक्र करते हुए कहा कि समस्या, विकराल रूप में देश को मुंह चिढ़ा रही है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन की रिपोर्ट में भी आगाह किया गया है कि भारत में असंगठित क्षेत्र के 40 करोड़ मजदूरों को गरीबी में धकेल दिया गया है। एचुरी ने पूछा, इन रिपोर्टों पर सरकार की क्या प्रतिक्रिया होगी? क्या सरकार का कामत्र्सिर्फ आयोजन करना और असल मुद्दों परत्र्मौन धारण करना है।