नई दिल्ली, 3 मई (भाषा) भारतीय रेलवे ने अपने विभिन्न जोन के लिए दिशा-निर्देश जारी कर कहा है कि फंसे हुए लोगों को ले जाने के लिए क्षमता की 90 प्रतिशत मांग होने पर ही विशेष श्रमिक ट्रेन चलाई जानी चाहिए।
रेलवे ने कहा कि स्थानीय राज्य सरकार प्राधिकार टिकट का किराया एकत्र कर और पूरी राशि रेलवे को देकर यात्रा टिकट यात्रियों को सौंपेंगे। इसने यह भी कहा कि संबंधित राज्य संबंधित स्टेशन पर पर्याप्त सुरक्षा उपलब्ध कराएंगे जिससे कि यह सुनिश्चित हो सके कि केवल वही यात्री स्टेशन परिसर में प्रवेश कर पाएं जिन्हें यात्रा की मंजूरी दी गई है और जिनके पास यात्रा का वैध टिकट हो।
रेलवे ने कहा, प्रत्एक श्रमिक स्पेशल ट्रेन का केवल एक गंतव्य होगा और यह बीच में नहीं रुकेगी। सामान्य तौर पर, श्रमिक स्पेशल ट्रेन 500 किलोमीटर से अधिक की दूरी के लिए चलेंगी। ये ट्रेन गंतव्य से पहले बीच में किसी स्टेशन पर नहीं रुकेंगी। पूरी लंबाई वाली ट्रेन में यात्री भौतिक दूरी के नियम का पालन करते हुए बैठेंगे और बीच वाली सीट पर कोई नहीं बैठेगा। इस तरह की प्रत्एक ट्रेन लगभग 1,200 यात्रियों को ले जा सकती है।
दिशा-निर्देशों में कहा गया कि संबंधित राज्य यात्रियों के समूह को लेकर तदनुसार योजना तैयार करेगा। ट्रेन के लिए क्षमता के 90 प्रतिशत से कम मांग नहीं होनी चाहिए। रेलवे निर्दिष्ट गंतव्यों के लिए संबंधित राज्य द्वारा बताई गई यात्रियों की संख्या के हिसाब से टिकट प्रकाशित करेगा और इन्हें स्थानीय राज्य प्राधिकार को सौंप देगा।
जहां से ट्रेन चलेगी, संबंधित राज्य सरकार उस स्थान पर यात्रियों को भोजन के पैकेट और पेयजल उपलब्ध कराएगी। इसने कहा, सभी यात्रियों के लिए चेहरे पर मास्क लगाना अनिवार्य होगा। राज्य के अधिकारी यात्रियों को मास्क इस्तेमाल करने के बारे में परामर्श देंगे। रेलवे ने कहा कि संबंधित राज्य यात्रियों को आरोज्ञ सेतु एप डाउनलोड करने के लिए प्रोत्साहित करेगा। बारह घंटे से अधिक के गंतव्य की स्थिति में यात्रियों को एक बार का भोजन रेलवे द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा।
गंतव्य पर पहुंचने के बाद राज्य सरकार के अधिकारी यात्रियों की अगवानी करेंगे और उनकी स्क्रीनिंग, जरूरी होने पर पृथक-वास और आगे की यात्रा से संबंधित सभी प्रबंध करेंगे। अगवानी करनेवाला राज्य स्टेशन पर सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम करेगा।
सभी क्षेत्रीय महाप्रबंधकों को जारी दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि यदि किसी चरण में सुरक्षा, संरक्षा और स्वास्थ्य प्रोटाकॉल का उल्लंघन होता है तो रेलवे को श्रमिक स्पेशल ट्रेन को रद्द करने का अधिकार है। भारतीय रेलवे ने लॉकडाउन की वजह से फंसे लोगों को निकालने के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाने की शुक्रवार को मंजूरी दे दी थी।