भोपाल, 24 सितम्बर (भाषा) किसी भी कार्यक्रम में मास्क नहीं पहनने संबंधी बयान देने के लिए आलोचनाओं का सामना कर रहे मध्यप्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने अपनी गलती के लिए बृहस्पतिवार को सार्वजनिक तौर पर खेद व्यक्त किया।
मिश्रा ने बृहस्पतिवार को ट्वीट किया, मास्क के बारे में मेरा बयान पूर्णत गलत और माननीय प्रधानमंत्री जी की भावनाओं के विपरीत था। अपने शब्दों को लेकर मुझे भी बेहद आंतरिक पीड़ा महसूस हुई है। मैं खेद प्रकट करते हुए सभी से मास्क पहनने और कोविड-19 से बचाव के नियमों का पालन करने की अपील करता हू।
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, मास्क पहनने के बारे में मेरे बयान से कानून की अवहेलना महसूस हुई है। यह माननीय प्रधानमंत्री जी की भावना के अनुरूप नहीं था। मैं अपनी गलती मानते हुए खेद प्रकट करता हू। मैं स्वयं भी मास्क पहनूंगा। समाज से भी अपील करूंगा कि सभी मास्क पहनें और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करें।
दरअसल मिश्रा ने इंदौर में बुधवार को उनके मास्क नहीं लगाने के बारे में पूछे जाने पर संवाददाताओं से कहा था, “मैं किसी भी कार्यक्रम में मास्क नहीं पहनता। इसमें क्या होता है?”
हालांकि बाद में बुधवार शाम को ही उन्होंने भोपाल में संवाददाताओं को इस पर सफाई देते हुए कहा, सा नहीं है, लगाता हूं, आवश्यकता होती है तो लगाता हूं। दरअसल लम्बे समय तक नहीं लगा पाता। उसके पीछे कारण है। मुझे पॉलिप्स है नाक के भीतर नेजल पैसेज या साइनस में कोमल, बिना दर्द वाली, गैर कैंसर वाली गांठ को नेजल पॉलिप्स कहा जाता है, मास्क लगाने पर घुटन होती है। लेकिन उसके बाद भी मैं कई कार्यक्रमों में, कई स्थानों जहां आवश्यकता होती है, मास्क लगाता हूं।
गृहमंत्री के बृहस्पतिवार को खेद व्यक्त करने से पहले कांग्रेस ने बुधवार को उनकी आलोचना करते हुए कहा था कि जिस प्रदेश में एक लाख से अधिक लोग संक्रमित हो , दो हज़ार से अधिक मौतें हो चुकी हो , जहां मास्क नहीं पहनने पर जनता पर जुर्माना लगता हो , वहा के गृह मंत्री कहते है कि मैं मास्क नहीं पहनता।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के मीडिया समन्वयक नरेन्द्र सलूजा ने गृहमंत्री की माफी पर व्यंगात्मक ट्वीट किया, सुबह – मैं मास्क नहीं पहनता। शाम – मुझे सास सम्बन्धी पालीपसी तकलीफ़ है. अगले दिन – मैं गलती मानता हू , खेद व्यक्त करता हू। मेरा बयान प्रधानमंत्री की भावनाओं के अनुरूप नहीं है।अब मैं मास्क पहनूंगा। जो भी सच्चाई हो लेकिन गृह मंत्री जी देर आए- दुरुस्त आए।