एचडीएफसी, आईटीसी और भारती एयरटेल जैसी प्रमुख कंपनियों के तिमाही परिणाम, वृहद आर्थिक आंकड़ों और अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ब्याज दर से जुड़े फैसले से इस सप्ताह शेयर बाजार की दिशा तय होगी। प्रमुख शेयर बाजार लगातार छह सत्र से जारी गिरावट के दौर से शुक्रवार को उबरते हुए बढ़त के साथ बंद हुए थे।
हालांकि, विश्लेषकों के मुताबिक कंपनियों के कमजोर तिमाही नतीजों, विदेशी मुद्रा की निकासी और कमजोर वैश्विक संकेतों का असर निवेशकों की धारणा पर पडऩे की संभावना है। कैपिटलएम के शोध विभाग के प्रमुख रमेश तिवारी ने कहा, कंपनियों की कमाई के निराशाजनक आंकड़ों से भी शेयर बाजारों में गिरावट का रुख है। देश के बड़े हिस्से में कमजोर मानसून से भी धारणा कमजोर हुई है।
रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के शोध विभाग के उपाध्यक्ष अजीत मिश्रा के मुताबिक, बाजार को प्रभावित करने वाला कोई बहुत अहम कारक मौजूद नहीं है। ऐसे में हम कंपनियों के नतीजों एवं वैश्विक बाजारों पर नजर रखने की सलाह देते हैं। इस सप्ताह डीएलएफ, रेड्डीज लैबरोट्रीज, एक्सिस बैंक और बैंक ऑफ इंडिया के तिमाही परिणाम आएंगे।
विशेषज्ञों के इसके अलावा बुनियादी ढांचा उत्पादन और पीएमआई के आंकड़ों का असर भी निवेशकों पर पडऩे की संभावना है। वैश्विक मोर्चे की बात करें तो सबकी निगाहें अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ब्याज दर से जुड़े फैसले पर है।
पिछले सप्ताह सेंसेक्स 454.22 अंक यानी 1.18 प्रतिशत की गिरावट के साथ 37,882.79 अंक पर बंद हुआ।