नयी दिल्ली, (भाषा) माल और सेवा कर (जीएसटी) का संग्रह नवंबर में 25 प्रतिशत बढ़कर 1.31 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया, जो जुलाई 2017 में इस कर व्यवस्था के लागू होने के बाद से दूसरा सबसे अधिक संग्रह है। इससे व्यावसायिक गतिविधियों के सामान्य होने और अनुपालन में वृद्धि का संकेत मिलता है। वित्त मंत्रालय ने बुधवार को यह जानकारी दी।
यह लगातार पांचवां महीना है जब जीएसटी से राजस्व एक लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि नवंबर महीने में एकत्रित कुल जीएसटी राजस्व 1,31,526 करोड़ रुपये है, जिसमें सीजीएसटी 23,978 करोड़ रुपये, एसजीएसटी 31,127 करोड़ रुपये, आईजीएसटी 66,815 करोड़ रुपये (माल के आयात पर एकत्रित 32,165 करोड़ रुपये सहित) और उपकर 9,606 करोड़ रुपये (माल के आयात पर एकत्रित 653 करोड़ रुपये सहित) है।
सीजीएसटी का मतलब केंद्रीय माल और सेवा कर है। एसजीएसटी का अर्थ राज्य माल और सेवा कर है जबकि आईजीएसटी का मतलब एकीकृत माल और सेवा कर है।
नवंबर महीने के लिए जीएसटी राजस्व नवंबर, 2020 की तुलना में 25 प्रतिशत अधिक है, और नवंबर, 2019 की तुलना में यह 27 प्रतिशत अधिक है।
मंत्रालय ने कहा, ‘‘नवंबर, 2021 के लिए जीएसटी राजस्व जीएसटी की शुरुआत के बाद से दूसरा सबसे अधिक है। यह पिछले महीने के संग्रह से अधिक है। यह आर्थिक सुधार की प्रवृत्ति के अनुरूप है।’’ अक्टूबर, 2021 में जीएसटी संग्रह 1,30,127 करोड़ रुपये था, जबकि अप्रैल, 2021 में यह सबसे अधिक 1,39,708 करोड़ रुपये था।
उच्च जीएसटी राजस्व की हालिया प्रवृत्ति विभिन्न नीति और प्रशासनिक उपायों का परिणाम है जो अतीत में अनुपालन में सुधार के लिए उठाए गए हैं। पिछले एक साल में सुधार के लिए कई कदम उठाए गए हैं।
जीएसटी एक जुलाई, 2017 को लागू किया गया था।
इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि दिसंबर, 2021 में संग्रह कम हो सकता है। नवंबर, 2021 के पहले तीन हफ्तों में ई-वे बिल जारी करने की दैनिक औसत में कमी आई है।
नायर ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2021-22 में केंद्रीय जीएसटी संग्रह बढ़कर 5.8 लाख करोड़ रुपये हो जाएगा।’’ वित्त मंत्रालय ने बुधवार को अप्रैल, मई और जून के जीएसटी संग्रह के आंकड़ों को संशोधित किया।