मुंबई, 17 अप्रैल (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को भरोसा दिया कि केंद्रीय बैंक कोरोना वायरस के प्रकोप से पैदा हुई आर्थिक चुनौतियों से निपटने में मदद के लिए अपने सभी हथियारों का इस्तेमाल करेगा। उन्होंने केंद्रीय बैंक की ओर से शुक्रवार को अचानक में उठाए गए नीतिगत कदमों और मौद्रिक उपायों के बारे कहा कि इस संकट के दौरान में यह वित्तीय सहायता कोई आखरी उपाय नहीं है। आगे जैसी स्थिति बनेंगी उसके अनुसार केंद्रीय बैंक अर्थव्यवस्था के हित में और भी कदम उठाएगा।
उन्होंने कहा कि आरबीआई सभी वृहद आर्थिक मापदंडों की लगातार निगरानी कर रहा है। उनका यह भी कहना था कि कि कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए जारी पाबंदियों के चालते आर्थिक गतिविधियां थम सी गई हैं। दास ने कहा कि फरवरी के आईआईपी आंकड़ों में कोविड-19 के प्रभाव नहीं झ्लके हैं। मार्च में निर्यात 34.6% घटा, जो 2008-09 के वैश्विक वित्तीय संकट की तुलना में कहीं अधिक बड़ी गिरावट है। उन्होंने कहा कि मार्च में टोमोबाइल उत्पादन और बिक्री में तेज गिरावट आई है और बिजली की खपत भी घटी है।
वित्तीय बाजार को चालू रखने में बैंकों और अन्य संस्थानों के प्रयास की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान इंटरनेट या मोबाइल बैंकिंग कभी भी बंद नहीं हुई और बैंकों में कामकाज सामान्य रूप से जारी रहा। उन्होंने बताया कि महामारी के प्रकोप के दौरान सामान्य कामकाज सुनिश्चित करने के लिए बैंकों, वित्तीय संस्थानों ने विशेष तैयारी की।
दास ने अन्य उपायों की घोषणा करते हुए कहा कि बैंकों के तरलता कवरेज अनुपार्त एलसीआरी को 100 प्रतिशत से घटाकर 80 प्रतिशत किया गया है और इसे अगले साल अप्रैल से धीमे-धीमे पहले वाली स्थिति में लाया जाएगा। आरबीआई गवर्नर ने आईएमएफ के अनुमानों का हवाला देते हुए कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में 2021-22 में तेजी से सुधार की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि एनबीएफसी द्वारा रियल एस्टेट कंपनियों को दिए गए कर्ज पर भी उसी तरह के लाभ मिलेंगे जो अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों द्वारा दिए गए कर्ज पर मिलते हैं।