लखनऊ, 6 अप्रैल (भाषा) कोरोना वायरस से संक्रमित होने के कारण यहां संजय गांधी आयुर्विज्ञन संस्थान में भर्ती गायिका कनिका कपूर की लगातार दो रिपोर्ट में उनके संक्रमित नहीं होने की पुष्टि के बाद उन्हें सोमवार सुबह अस्पताल से छुटटी दे दी गई। हालांकि संक्रमण मुक्त होने के पश्चात अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद भी कनिका की मुश्किलें कम नहीं हुई हैं क्योंकि पृथक वास की उनकी अवधि समाप्त होने के बाद पुलिस उनके खिलाफ दर्ज मामलों में उनसे पूछताछ कर सकती है।
संजय गांधी पीजीआई के निदेशक डॉ. आर के धीमन ने ‘भाषा’ को बताया कि दो दिन पहले कनिका कपूर की रिपोर्ट में वह संक्रमित नहीं पाई गई थीं, जिसके बाद रविवार शाम एक बार फिर उनकी रिपोर्ट में उनके संक्रमित नहीं होने की पुष्टि हुई। उन्होंने बताया कि कनिका कपूर को सोमवार सुबह अस्पताल से छुट्टी दे दी गई और अब वह पूरी तरह से स्वस्थ हैं लेकिन उन्हें अभी कुछ दिन विशेष सावधानी बरतनी होगा। कनिका कपूर को अभी अपने घर पर 14 दिन पृथक वास में रहना होगा। कपूर लगातार चार जांच रिपोर्टों में संक्रमित पाई गई थीं। पांचवीं और छठी रिपोर्ट में वह संक्रमण मुक्त पाई गयीं जिसके बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।
कोरोनो वायरस से संक्रमित होने के बाद शहर में विभिन्न सामाजिक कार्यक्रमों में भाग लेने को लेकर और लापरवाही बरतने के आरोप में कनिका के खिलाफ शहर के सरोजनी नगर पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता आईपीसी की धाराओं 188, 269 और 270 के तहत मामला दर्ज किया गया है। यह प्राथमिकी लखन के मुख्य चिकित्सा अधिकारी सीएमओ द्वारा दर्ज की गई शिकायत के आधार पर दर्ज की गई थी। वह देश की पहली बॉलीवुड सेलिब्रिटी हैं, जिन्हें यह घातक संक्रमण हुआ था।
गौरतलब है कि कनिका 10 मार्च को एयर इंडिया के विमान से लंदन से मुंबई पहुंची थीं।उसके बाद वह 11 मार्च को लखनऊ आई थीं और उन्होंने लखन एवं कानपुर समेत अन्य जगहों पर न सिर्फ पार्टियों में हिस्सा लिया था, बल्कि कई नेताओं और अन्य हस्तियों से भी मुलाकात की थी। इसके बाद 20 मार्च को कोरोना वायरस संबंधी उनकी जांच रिपोर्ट आने के बाद उनके संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी। उन्हें संजय गांधी पीजीआई में भर्ती कराया गया था जहां डाक्टरों की विशेष टीम उनकी देखभाल कर रही थी।
कनिका ने गत 13, 14 और 15 मार्च को होली से जुड़ी दो-तीन पार्टियों में शिरकत की थी। इनमें कुल मिलाकर 250 से 300 लोगों ने शिरकत की थी। इस बीच, सूत्रों ने बताया था कि इन पार्टियों में अनेक नेता और अधिकारी भी शामिल हुए थे, जिनमें उत्तर प्रदेश के कुछ मंत्री भी थे लेकिन बाद में जांच के बाद वे संक्रमित नहीं पाए गए थे।