नई दिल्ली, 24 मई (भाषा) लेह लद्दाख में कोरोना से पीड़ित एक शिक्षक किफायत हुसैन ने पृथक वास के दौरान खुद को तो सारे जमाने से अलग कर लिया, लेकिन वह अपने छात्रों से खुद को दूर नहीं रख पाए और नलाइन क्लासेस के जरिए उनसे लगातार जुड़े हुए हैं, ताकि उनकी पढ़ाई में किसी तरह की रूकावट न आने पाए।
कोविड- 19 को लेकर आज दुनियाभर के लोग खौफजदा हैं। लोग इससे बचने के लिए तरह तरह के उपाय कर रहे हैं और इसके शिकार होने पर उन्हें अपनी और अपने परिवार की जान की फिक्र होने लगती है, लेकिन लेह में रहने वाले किफायत हुसैन को कोरोना से पीड़ित होने पर अपने विद्याथिर्यों की पढ़ाई की चिंता सताने लगी, लिहाजा उन्होंने ऑनलाइन कक्षाएं लेना शुरू कर दिया।
क्वारंटीन में रहकर कोरोना से जंग लड़ रहे हुसैन आइसोलेशन सेंटर से ही कक्षा 9वीं व 10वीं के अपने छात्रों को गणित पढ़ा रहे हैं। इसके लिए उन्होंने बाकायदा लद्दाख प्रशासन की इजाजत ली है। उन्होंने अपने कमरे में एक बड़ा सा सफेद बोर्ड लगाया है और उसके ठीक सामने अपना मोबाइल फोन एक स्टैंड पर लगाया है। उनके मोबाइल का रूख बोर्ड की तरफ है, जिसपर काले पेन की मदद से हुसैन गणित के प्रश्न हल करके बच्चों को पढ़ा रहे हैं।
हुसैन ने बताया कि वह जूम एप्प पर लगातार ऑनलाइन क्लासेस लेते हैं और यूट्यूब वीडियों की मदद से अपने सभी स्टूडेंट्स से जुड़े हैं। किसी तरह की कोई परेशानी होने पर उनके छात्र फोन पर उन्हें बता देते हैं और हुसैन उसे तत्काल हल कर देते हैं। वह रोजाना दोपहर बाद दो बजे से तीन बजे तक छात्रों को जूम एप्प के जरिए पढ़ाते हैं।
किफायत कहते हैं, पढ़ाना सिर्फ मेरी नौकरी नहीं, मेरा जुनून है। कोरोना की वजह से मैं उनकी पढ़ाई में कोई रूकावट नहीं आने देना चाहता। अगर मैं ठीक होने के बाद उन्हें पढ़ाना शुरू करता, तो ज्यादा बोझ् आ जाता। बीमार होने के बावजूद मुझे लगा कि मुझ्में पढ़ाने की ताकत है, तो मुझे कोशिश जरूर करनी चाहिए।
कुछ लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद उनके गांव को निषिद्ध क्षेत्र घोषित कर दिया गया था। किफायत हुसैन में किसी तरह के कोई लक्षण नहीं थे लेकिन उन्होंने लामदोन मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल के अपने छात्रों को किसी प्रकार के खतरे से बचाने के लिए खुद ही अपनी जांच कराने का फैसला किया।
30 अप्रैल को उन्होंने अपनी जांच कराई और रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर उन्हें आइसोलेशन सेंटर में भेज दिया गया। यहीं उनके दिमाग में अपने छात्रों को आनलाइन पढ़ाने का फैसला किया और लद्दाख प्रशासन से इसकी अनुमति ली।
किफायत हुसैन ने पीटीआई भाषा को बताया, मैं अपने प्रयासों में योगदान के लिए प्रशासन, डा . स्टांजिन दावा और त्स्वांग पालजोर, अध्यक्ष, लामदोन प्रबंधक समिति का बहुत आभारी हूं। साथ ही अस्पताल के कर्मचारियों का भी जो मेरी देखभाल कर रहे हैं। वह बताते हैं कि उनके छात्रों ने भी उनके इस प्रयास को सराहा है और वे इसमें लगातार सहयोग कर रहे हैं।
किफायत हुसैन कहते हैं, ये मेरे लिए बहुत मायने रखता है। लद्दाख के आयुक्त सचिव रिग्जिन सामफेल ने मेरे समर्पण और मेरे काम की सराहना की जो कि मेरे लिए बहुत गर्व की बात है। लामदोन के लोगों, खासतौर से प्रिंसीपल सर, प्रबंधन, टीचरों तथा कर्मचारियों और साथ ही छात्रों के माता पिता ने मुझे फोन कर मेरे इस कदम की सराहना की है। इन सभी ने उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना भी की है।
भारतीय क्रिकेट टीम के बेहतरीन बल्लेबाजों में शुमार वीवीएस लक्ष्मण ने किफायत हुसैन के बारे में जानकारी मिलने पर बाकायदा ट्वीट करके उनके जज्बे की तारीफ की। सोशल मीडिया पर सक्रिय बहुत से लोगों ने लक्ष्मण के ट्वीट को रीट्वीट करके हुसैन के इस प्रयास को प्रेरणादाई और अनुकरणीय बताया है।
लक्ष्मण ने अपने ट्वीट में लिखा, गणित के शिक्षक किफायत, कोरोना से पीड़ित हैं और इस समय वह जिस आइसोलेशन सेंटर में रखे गए हैं, वहां से ऑनलाइन कक्षाएं ले रहे हैं। इस तरह की मुश्किल घड़ी में किफायत जैसे लोग मजबूत हौंसले और अटूट जज्बे की मिसाल हैं।