लॉकडाउन में उदासी से बचने के लिए नशे को ना अपनाएं : स्वास्थ्य मंत्रालय

सांकेतिक तस्वीर
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नई दिल्ली, 31 मार्च स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना वायरस के संकट की वजह से लागू 21 दिन के लॉकडाउन के दौरान लोगों को उदासीनता और एकाकीपन से निजात पाने के लिए तंबाकू और शराब के सेवन से बचने की सलाह देते हुए कहा है कि धूम्रपान या नशा, रोग प्रतिरोधक क्षमता पर बुरा असर डालेगा। मंत्रालय ने लोगों को परामर्श दिया है कि तंबाकू और अल्कोहल का सेवन न सिर्फ रोग प्रतिरोधक क्षमता पर असर डालेगा बल्कि दिमागी सेहत को भी प्रभावित करेगा। मंत्रालय ने लॉकडाउन के कारण लोगों की दिनचर्या में आए बदलाव का सेहत पर पडऩे वाले संभावित असर को देखते हुए मंगलवार को परामर्श जारी कर जरुरी एहतियात बरतने की सार्वजनिक अपील की। 

उल्लेखनीय है कि देश में अब तक कोरोना वायरस के संक्रमण के 1250 से अधिक मामले आ चुके हैं और 32 लोगों की मौत हो गई है। परामर्श में मंत्रालय ने लोगों अपील की है कि वे संक्रमण के संभावित दायरे में आने वालों के साथ शत्रुतापूर्ण रवैया अपनाने के बजाय उन्हें उपचार और एहतियात के उपायों से अवगत कराएं जिससे संक्रमण को फैलने से रोका जा सके और रोगी को समय पर उपयुक्त इलाज की सुविधा भी मिल सके।  

मंत्रालय ने लॉकडाउन की अहमियत रेखांकित करते हुए कहा कि इसका मकसद संक्रमण को एक व्यक्ति से दूसरे लोगों में फैलने से रोकना और स्वयं एवं दूसरों की संक्रमण से सुरक्षा करना है। इसके तहत सिर्फ और सिर्फ आवश्यक वस्तुओं को खरीदने के लिए ही बाहर जाना अपेक्षित है। साथ ही मंत्रालय ने लोगों से अपने निकटतम स्वास्थ्य केन्द्रों की पर्याप्त जानकारी रखने को जरूरी बताते हुए कहा कि सा होने पर स्वास्थ्य सुविधा का समय पर लाभ उठाना आसान होगा।

मंत्रालय ने माना कि लॉकडाउन के दौरान सबसे सामान्य बात जो उभर कर सामने आई है, वह कोरोना वायरस महामारी के प्रति भय है। इसके मद्देनजर मंत्रालय ने लोगों से भयभीत होने के बजाय सचेत और सक्रिय रहने की अपील की है।  मंत्रालय ने लॉकडाउन जनित उदासीत्र्से निपटने के लिए लोगों से किसी भी प्रकार के नशे का सहारा बिल्कुल नहीं लेने की पुरजोर अपील की है। परामर्श में कहा गया है कि तंबाकू और अल्कोहल का शरीर की प्रतिरोधक क्षमता और मनोदशा पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, इससे बचना चाहिए। (भाषा)

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