इंदौर, पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने वरिष्ठ भाजपा नेता सुषमा स्वराज को नम आंखों से याद करते हुए बुधवार को कहा कि जब स्वराज संसद में अपने धारदार भाषण से प्रहार करती थीं, तो विपक्षियों की बोलती बंद हो जाती थी। स्वराज का मंगलवार रात दिल का दौरा पडऩे से 67 वर्ष की आयु में निधन हो गया था।
उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए महाजन ने यहां संवाददाताओं से कहा, जब स्वराज संसद में बोलते वक्त विपक्षी दलों पर प्रहार करती थीं, तो ऐसा लगता था कि उन दलों के नेताओं की बोलती बंद हो गई है। उनकी याददाश्त बहुत तेज थी। वह घटनाओं के विवरण को तारीखों के साथ बयां कर मुझे अक्सर चौंका देती थीं।
उन्होंने पूर्व विदेश मंत्री की भाषण कला की सराहना करते हुए कहा, जब स्वराज विदेशों में आयोजित कार्यक्रमों को संबोधित करती थीं, तो वह भारत की आवाज बन जाती थीं। वह अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने पुरजोर तरीके से भारत का पक्ष रखती थीं।
स्वराज के साथ बिताए पलों को याद करते हुए महाजन का गला चंद पलों के लिए रुंध गया और उनकी आंखें नम हो गईं। फिर उन्होंने खुद को संभालते हुए कहा, जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने पर देश के लोग एक तरफ जश्न में डूबे हैं। वहीं दूसरी ओर, स्वराज के निधन से मुझे लग रहा है जैसे मेरे सिर पर पत्थर गिर गया हो।
उन्होंने कहा, स्वराज के निधन से भारत ने एक कर्मठ राजनेता खो दिया। गंभीर रूप से बीमार होने के बावजूद वह देश और समाज के लिए सक्रिय रहती थीं। भाजपा की 76 वर्षीय नेता ने कहा, स्वराज मेरी अच्छी सहेली थीं। वह हालांकि मुझसे उम्र में छोटी थीं। लेकिन कर्मठता के लिहाज से वह मुझसे कद में बहुत बड़ी थीं। मैंने राजनीति में उनसे बहुत कुछ सीखा है।