अकाली दल की नेता एवं केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने जलियांवाला बाग राष्ट्रीय स्मारक संशोधन विधेयक पारित करने की अपील करते हुए कांग्रेस पर 1984 के सिख विरोधी दंगों को आगे बढ़ाने का आरोप लगाया।
जलियांवाला बाग राष्ट्रीय स्मारक संशोधन विधेयक पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए हरसिमरत कौर बादल ने पंजाब के मुख्यमंत्री के एक करीबी रिश्तेदार पर जलियांवाला बाग नरसंहार को अंजाम देने वाला जनरल डायर का समर्थन करने का आरोप लगाया।
कांग्रेस सदस्यों ने इसका विरोध किया और इसे कार्यवाही से हटाने की मांग की। अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि वह देखेंगे और कोई ऐसा शब्द होगा, तब उस कार्वाई से हटा दिया जाएगा। बहरहाल, बादल ने कहा कि कांग्रेस के सदस्य कह रहे थे कि इतिहास याद रखना चाहिए। 1984 के दंगों का भी इतिहास इन्हीं की पार्टी का है। अकाल तख्त पर हमले का इतिहास भी उन्हें याद रखना चाहिए।
उन्होंने कहा, यह कांग्रेस का इतिहास है,। यह इतिहास मैंने नहीं लिखा है, यह रिकार्ड में दर्ज है और इसका मैं सबूत दे सकती हूं। गौरतलब है कि लोकसभा में आज जलियांवाला बाग राष्ट्रीय स्मारक के न्यासी पद से कांग्रेस अध्यक्ष का नाम हटाने के प्रावधान वाले विधेयक पर चर्चा हुई।