कैबिनेट ने ई सिगरेट पर प्रतिबंध लगाया, इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट निषेध अध्यादेश की घोषणा को मंजूरी दी

प्रतीकात्मक तस्वीर
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नई दिल्ली, सरकार ने बुधवार को इलेक्ट्रानिक सिगरेट यानी ई- सिगरेट के उत्पादन, बिक्री, भंडारण और आयात- निर्यात पर रोक लगाने का फैसला किया है। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए अध्यादेश लाया जाएगा। इसका उल्लंघन करने पर सजा का भी प्रावधान किया गया है। 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल बैठक में इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट (उत्पादन, विनिर्माण, आयात, निर्यात, परिवहन, विक्रय, वितरण, भंडारण और विज्ञापन) निषेध अध्यादेश, 2019 की घोषणा को मंजूरी दी गई। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि इसके साथ ही ई हुक्के को भी इसके तहत प्रतिबंधित किया गया है। इस विषय पर राष्ट्रपति की अनुमति से अध्यादेश पारित किया जाएगा। 

सरकारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि अध्यादेश की घोषणा के बाद, ई-सिगरेटों का किसी प्रकार उत्पादन, विनिर्माण, आयात, निर्यात, परिवहन, विक्रय (ऑनलाइन विक्रय सहित), वितरण अथवा विज्ञापन (ऑनलाइन विज्ञापन सहित) एक संज्ञेय अपराध माना जाएगा। इसमें कहा गया है कि पहली बार अपराध के मामले में एक वर्ष तक कैद अथवा एक लाख रुपए तक जुर्माना अथवा दोनोंअ और अगले अपराध के लिए तीन वर्ष तक कैद और पांच लाख रुपए तक जुर्माना लगाया जा सकता है।

इलेक्ट्रॉनिक सिगरेटों के भंडारण के लिए भी छह माह तक कैद अथवा 50 हजार रुपए तक जुर्माना अथवा दोनों दंड दिए जा सकते हैं। अधिकारियों ने बताया कि इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट बैटरी-युक्त उपकरण है, जो निकोटिन वाले घोल को गर्म करके एयरोसोल पैदा करता है। यह एक व्यसनकारी पदार्थ है। इनमें सभी प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक निकोटिन डिलीवरी सिस्टम, गर्म होने वाले (हिट नॉट बर्न) उत्पाद, ई-हुक्का और इस प्रकार के अन्य उपकरण शामिल हैं।  

उन्होंने बताया कि ऐसे नए उत्पाद आकर्षक रूपों तथा विविध सुगंधों से युक्त होते हैं तथा इसका इस्तेमाल काफी बढ़ा है। विकसित देशों में विशेषकर युवाओं और बच्चों में इसने एक महामारी का रूप ले लिया है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा कि एम्स, टाटा इंस्टीट्यूट सहित भारत की शोध संस्थाओं ने इस विषय पर अध्ययन किया है। इस बारे में सिफारिश की है, इस पर जीओएम में विचार हुआ है। यह स्वागत योग्य कदम है।  

सीतारमण उस मंत्री समूह :जीओएम: की अध्यक्ष रही है जिसने ई सिगरेट के विषय पर विचार किया।  सरकारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि अध्यादेश लागू होने की तिथि पर, ई-सिगरेटों के मौजूदा भंडारों के मालिकों को इन भंडारों की स्वत: घोषणा करके, निकटवर्ती पुलिस थाने में जमा कराना होगा। पुलिस उप निरीक्षक को अध्यादेश के तहत कार्वाई करने के लिए अधिकृत अधिकारी के रूप में निर्धारित किया गया है।  

अध्यादेश के प्रावधानों को लागू करने के लिए, केंद्र अथवा राज्य सरकार किसी अन्य समकक्ष अधिकारी को अधिकृत अधिकारी के रूप में निर्धारित कर सकती है। गौरतलब है कि पहले ही 16 राज्यों और एक केंद्रशासित प्रदेश ने अपने क्षेत्राधिकारों में ई-सिगरेटों को प्रतिबंधित किया है। ध्यान रहे कि इस विषय पर हाल में जारी एक श्वेत-पत्र में भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने भी फिलहाल उपलब्ध वैज्ञानिक साक्ष्य के आधार पर ई-सिगरेटों पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाने की अनुशंसा की है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी सदस्य देशों से मांग की है कि इन उत्पादों को प्रतिबंधित करने सहित समुचित उपाय किए जाएं। 

कांग्रेस ने किया ई-सिगरेट पर प्रतिबंध का स्वागत, पूछा- क्या सिगरेट और पान मसाले पर भी लगेगी पाबंदी

कांग्रेस ने बुधवार को ई-सिगरेट पर प्रतिबंध लगाने के सरकार के फैसले का स्वागत किया। हालांकि, उसने यह सवाल भी किया कि क्या सरकार तंबाकू वाले सिगरेट और पान मसाले पर भी पाबंदी लगाएगी। पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ता अजय माकन ने संवाददाताओं से कहा, ई सिगरेट पर प्रतिबंध का हम स्वागत करते हैं। लेकिन हम यह भी पूछना चाहते हैं कि क्या सरकार तंबाकू वाले सिगरेट और पान मसाले पर भी प्रतिबंध लगाएगी? (भाषा)

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