नई दिल्ली, 25 मई (भाषा) कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के मद्देनजर विभिन्न राज्यों द्वारा अपने हवाईअड्डे खोलने की अनिच्छा जताने के बीच सोमवार को देश में दो महीने के अंतराल के बाद घरेलू यात्री विमान सेवाएं फिर से शुरू हो गई हैं।
नागर विमानन अधिकारियों की सख्त नियमन अनुशंसा के तहत पहले विमान ने दिल्ली हवाई अड्डे से पुणे के लिए सुबह पौने पांच बजे उड़ान भरी जबकि मुंबई हवाई अड्डे से पहली उड़ान पौने सात बजे पटना के लिए भरी गई।
देश भर में सोमवार को कई उड़ानें रद्द कर दी गयीं।
उदाहरण के लिए, विमानन उद्योग के सूत्रों ने बताया कि दिल्ली हवाईअड्डे पर अब तक करीब 82 उड़ानें – आने और जाने वालीं- रद्द कर दी गई हैं। महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु जैसे राज्य जहां देश के सबसे व्यस्ततम हवाईअड्डे हैं, वे अपने राज्यों में कोरोना वायरस संक्रमण मामले बढऩे का हवाला देकर हवाईअड्डों से घरेलू विमान सेवा शुरू करने के लिए इच्छुक नहीं हैं।
सरकार ने पिछले हफ्ते घोषणा की थी कि कुछ खास नियमों एवं दिशा-निर्देशों के तहत 25 मई से घरेलू विमान सेवाएं फिर से शुरू की जाएंगी। इनमें टिकट की कीमतों को सीमित करना, यात्रियों द्वारा मास्क पहनना, विमान के भीतर खाना नहीं दिए जाने और आरोज्ञ सेतु एप्प या स्व-घोषणा वाले फॉर्म के जरिए यात्रियों द्वारा चिकित्सीय स्थिति के विवरण उपलब्ध कराना जैसे नियम शामिल थे।
सरकार का यह फैसला ऐसे वक्त में आया जब विमानन क्षेत्र 25 मार्च को लॉकडाउन लागू होने के बाद से जबर्दस्त आर्थिक संकट का सामना कर रहा था। कई राज्यों ने विमान सेवा शुरू करने के केंद्र के फैसले को लेकर आपत्ति जताई थी।
कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, बिहार, पंजाब, असम और आंध्र प्रदेश समेत अन्य ने उनके हवाईअड्डों पर आने वाले यात्रियों के लिए अपने-अपने पृथक-वास नियमों की घोषणा की है।
कुछ राज्यों ने यात्रियों को अनिवार्य रूप से संस्थागत पृथक-वास केंद्रों में रखने का फैसला किया है जबकि कई अन्य उन्हें घर में ही पृथक-वास में रखने पर चर्चा कर रहे हैं।
नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने यात्री के फोन में आरोज्ञ सेतु एप्प में ग्रीन स्थिति दिखने के बावजूद उसे पृथक-वास में रखने की जरूरत पर सवाल उठाए। ग्रीन स्थिति दिखाती है कि यात्री कोविड-19 से सुरक्षित है।
सोमवार के लिए निर्धारित करीब 1,050 घरेलू विमान के लिए बुकिंग शुरू की गई थी लेकिन रविवार को संशोधित कदमों की घोषणा के चलते कई विमानों को रद्द करना पड़ा जिसके चलते सैकड़ों यात्री मायूस हो गए।
जिन विमानों को एक-तिहाई क्षमता से परिचालन की अनुमति दी गई थी, वे रविवार रात से विमान समय-सारणियों पर फिर से काम करने में व्यस्त थे। सरकारी अधिकारियों ने रविवार शाम कहा कि चक्रवात प्रभावित पश्चिम बंगाल में कोलकाता और बागडोगरा हवाईअड्डे 25 से 27 मई के बीच किसी घरेलू विमान का परिचालन नहीं करेंगे लेकिन 28 मई से हर दिन 20 उड़ानों का परिचालन देखेंगे।
उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र में मुंबई और तेलंगाना में हैदराबाद हवाईअड्डे सोमवार से क्रमश: 50 और 30 विमानों का परिचालन करेंगे। महाराष्ट्र सरकार ने रविवार को केंद्र सरकार से अनुरोध किया था कि राज्य में हवाई सेवाओं को न्यूनतम संभव स्तर पर रखा जाए। मुंबई देश का दूसरा सबसे व्यस्ततम हवाईअड्डा है।
पुरी ने रविवार रात ट्विटर पर कहा कि सोमवार से मुंबई से सीमित उड़ानों का परिचालन होगा। पुरी ने ट्वीट कर यह भी बताया कि सोमवार से चेन्नई में अधिकतम 25 विमान उतर सकेंगे और यहां से उड़ान भरने वाले विमानों की संख्या पर कोई सीमा नहीं होगी। तमिलनाडु के अन्य हवाईअड्डों के लिए विमानों का उसी प्रकार परिचालन होगा जैसा राज्य के अन्य हिस्सों से हो रहा है। मंत्री ने कहा कि आंध्र प्रदेश सरकार से अनुरोध प्राप्त होने के बाद मंगलवार से राज्य से विमान सेवाएं सीमित स्तर पर शुरू होंगी।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने घरेलू यात्रा के लिए रविवार को दिशा-निर्देश जारी किए थे जिसके तहत यात्रियों को अपने मोबाइल फोन पर आरोज्ञ सेतु एप्प डाउनलोड करने की सलाह दी गई और राज्यों से हवाईअड्डों, रेलवे स्टेशनों और बस अड्डों के प्रस्थान बिंदु पर थर्मल स्क्रीनिंग सुनिश्चित करने को कहा गया।
मंत्रालय ने कहा कि बिना लक्षण वाले यात्रियों को 14 दिन के लिए स्व-निगरानी परामर्श के साथ यात्रा की अनुमति दी जाएगी। घरेलू यात्रा हवाईाट्रेना अंतर राज्ईय बस यात्राी के लिए जारी दिशा-निर्देशों में कहा गया कि संबंधित एजेंसियों को यात्रियों को टिकट के साथ क्या करें और क्या न करें की सूची भी उपलब्ध करानी होगी।