हरिद्वार/चमोली/उत्तरकाशी, (भाषा), मध्यरात्रि के बाद लगने वाले इस साल के अंतिम चंद्रग्रहण से पहले सूतक काल के चलते शनिवार शाम को बदरीनाथ, केदारनाथ सहित प्रदेश भर के मंदिरों के कपाट बंद कर दिए गए।
रात को एक बजकर चार मिनट पर शुरू होने वाले चंद्रग्रहण के लिए सूतक काल शनिवार शाम चार बजकर पांच मिनट पर आरंभ हो गया और इसके साथ ही मंदिर बंद कर दिए गए।
हरिद्वार में दक्ष मंदिर, मायादेवी मंदिर, मनसा देवी, चंडी देवी सहित सभी मंदिर बंद कर दिए गए। हरकी पौड़ी पर देर शाम होने वाली गंगा आरती भी सूतक शुरू होने से पहले अपराह्न साढ़े तीन बजे ही कर ली गयीं। इस बीच, ग्रहण के अवसर पर गंगा स्नान करने के लिए भी श्रद्धालुओं का हरिद्वार पंहुचना शुरू हो गया ।
ज्योतिषाचार्य डॉ. प्रतीक मिश्रपुरी ने बताया कि सूतक काल में शुभ कार्यों को वर्जित माना जाता है, इसलिए दो बजकर 24 मिनट पर ग्रहण समाप्त होने के बाद ही मंदिरो के कपाट खोले जायेंगे और उन्हें गंगा जल से शुद्ध करने के बाद पूजा पाठ का कार्य शुरू होगा।
ग्रहण के दौरान हरिद्वार में गंगा तटों पर श्रद्धालुओं का पहुंचना आरंभ हो गया है। इस दौरान श्रद्धालु गंगा तट पर जप-तप और भजन कीर्तन करते रहेंगे और ग्रहण संपन्न होने के बाद श्रद्धालु गंगा मे स्नान करेंगे।