मोदी सरकार में हज यात्रियों का ‘ईज ऑफ डूइंग हज’ का सपना पूरा हुआ: नकवी

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मुंबई, 17 फरवरी केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने सोमवार को यहां कहा कि भारत में मोदी सरकार द्वारा हज प्रक्रिया की ऑनलाइन व्यवस्था किए जाने से हज यात्रियों के लिए “ईज़ ऑफ डूइंग हज” का सपना पूरा हुआ है। वह मुंबई में हज-2020 से जुड़े प्रशिक्षण शिविर को संबोधित कर रहे थे।

नकवी ने कहा, ‘‘मोदी सरकार द्वारा उठाए गए अभूतपूर्व कदम से जहां एक ओर हज की संपूर्ण व्यवस्था डिजिटल और पारदर्शी हुई है, वहीं दूसरी ओर हज यात्रा सस्ती-सुगम हुई है। हज की संपूर्ण प्रक्रिया को शत प्रतिशत डिजिटल/ऑनलाइन करने से बिचौलियों का सफाया हुआ है। हज सब्सिडी ख़त्म होने के बावजूद हज यात्रियों पर बिना कोई अतिरिक्त बोझ डाले हज यात्रा पिछले कई दशकों के मुकाबले बहुत सस्ती हुई है।’’

उन्होंने कहा कि भारत पूरी दुनिया का ऐसा पहला देश बन गया है जहां हज 2020, सौ प्रतिशत डिजिटल प्रक्रिया से हो रहा है। ऑनलाइन आवेदन, ई-वीजा, हज पोर्टल, हज मोबाइल ऐप, “ई-मसीहा” स्वास्थ्य सुविधा, मक्का-मदीना में ठहरने की बिल्डिंग/ट्रांसपोर्टेशन की जानकारी भारत में ही देने वाली “ई-लगेज टैगिंग” व्यवस्था के जरिए भारत से मक्का-मदीना जाने वाले हज यात्रियों को जोड़ा गया है।

नकवी ने कहा कि एअरलाइनों द्वारा हज यात्रियों के सामान की डिजिटल प्री-टैगिंग की व्यवस्था की गई है जिससे भारत से जाने वाले हज यात्रियों को यहीं पर सभी प्रकार की जानकारी मिल जाएगी। मसलन, हज यात्रियों को मक्का-मदीना में किस बिल्डिंग के किस कमरे में ठहरना है, हवाई अड्डे पर उतरने के बाद किस नंबर की बस में जाना है।

मंत्री ने कहा कि इसके अलावा हज यात्रियों के सिम कार्ड को हज मोबाइल ऐप से लिंक करने की व्यवस्था की गई है जिससे हज यात्रियों को मक्का-मदीना में हज से संबंधित नवीनतम जानकारियां तत्काल प्राप्त होती होंगी। “ई-मसीहा” स्वास्थ्य सुविधा दी गई है जिसमें प्रत्येक हज यात्री की सेहत से जुड़ी सभी जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध रहेंगी जिससे किसी भी आपात स्थिति में फौरन किसी हज यात्री को मेडिकल सेवा उपलब्ध कराई जा सकेगी।

नकवी ने कहा, ‘‘2020 में दो लाख भारतीय मुसलमान बिना किसी हज सब्सिडी के हज यात्रा पर जाएंगे। इनमें लगभग एक लाख 23 हजार लोग हज कमेटी ऑफ़ इंडिया के जरिए और शेष लोग हज ग्रुप ऑर्गेनाइजर्स के जरिए हज पर जाएंगे। इस वर्ष 2,100 से अधिक महिलाएं बिना “मेहरम” (पुरुष रिश्तेदार) के हज पर जाएंगी जिन्हें लॉटरी सिस्टम से बाहर रखा गया है।’’ (भाषा)

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