डेंगू के वायरस का सफाया लगभग नामुमकिन है। पूरी दुनिया में 128 देशों में डेंगू फैला हुआ है, लेकिन आज तक कोई भी देश पूरी तरह से डेंगू मुक्त नहीं हो पाया है। डेंगू फैलाने वाले एडीस मच्छर को पूरी तरह से खत्म करना संभव नहीं है। गर्म से गर्म माहौल में भी यह ज़िंदा रह सकता है। डॉक्टरों का कहना है कि एडीज मच्छरों के अंडे 12 से 18 महीने तक गर्म और सूखे की स्थिति में भी ज़िंदा रह सकते हैं। यह आंखों से दिखते भी नहीं हैं। इसलिए इसे मार पाना आसान नहीं है। जैसे ही पानी मिलता है यह अंडा लार्वा में बदल जाता है और फिर अडल्ट मच्छर बन जाता है। इसके बाद लोग मच्छरों से बचाव ढूंढने लगते हैं। अभी इसके अंडे और लार्वा को खत्म करने का सबसे सही वक्त है। जितना कम्यूनिटी लेवल पर लोग इसमें भागीदार होंगे उतना ही इसे कंट्रोल किया जा सकता है।
गर्म माहौल में भी महीनों ज़िंदा रह सकता है एडीज मच्छर
एडीज मच्छर का अंडा गर्म से गर्म माहौल में भी महीनों ङ्क्षजदा रह जाता है। जैसे ही बारिश होती है और पानी जमा होता है वहां पहले से मौजूद अंडा लार्वा बन जाता है। इसलिए अभी सही वक्त है कि इस अंडे को लार्वा न बनने दें। कहीं पर भी साफ पानी जमा न होने दें। अगर एडीज मच्छर के अंडे में पहले से डेंगू का वायरस होगा तो जन्म के साथ ही वह डेंगू संक्रमित होगा और जिसे काटेगा उससे डेंगू हो जाएगा। जब अंडा लार्वा बनता है तब वह आंखों से दिखने लगता है। इसलिए लार्वा की स्थिति में इसे खत्म करना काफी हद तक संभव है।
गलत इलाज से जानलेवा साबित हो सकता है डेंगू
शुरुआत में सामान्य-सा लगने वाला डेंगू बुखार देरी या गलत इलाज से जानलेवा साबित हो सकता है। डेंगू बरसात के मौसम और उसके फौरन बाद के महीनों यानी जुलाई से अक्टूबर में सबसे ज्यादा फैलता है क्योंकि इस मौसम में मच्छरों के पनपने के लिए अनुकूल परिस्थितियां होती हैं। लिहाजा सबसे जरूरी है कि खुद को और परिवार के सदस्यों को मच्छरों के काटने से बचाया जाए। अगर किसी को डेंगू हो जाए तो घबराने की बजाए उचित इलाज और घरेलू नुस्खों के जरिए बीमारी को दूर किया जा सकता है
सामान्य डेंगू बुखार के लक्षण
एडीज इजिप्टी मच्छर के काटे जाने के करीब 3-5 दिनों के बाद मरीज में डेंगू बुखार के लक्षण दिखने लगते हैं। साधारण डेंगू बुखार के लक्षण- ठंड लगने के बाद अचानक तेज बुखार चढऩा, सिर, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होना, आंखों के पिछले हिस्से में दर्द होना, जो आंखों को दबाने या हिलाने से और बढ़ जाता है, बहुत ज्यादा कमजोरी लगना, भूख न लगना और जी मितलाना और मुंह का स्वाद खराब होना, गले में हल्का-सा दर्द होना, शरीर खासकर चेहरे, गर्दन और छाती पर लाल-गुलाबी रंग के रैशेज होना।
इलाज और घरेलू नुस्खे
गिलोय का रस – आयुर्वेद में गिलोय का बहुत महत्व है। 1 कप पानी में 1 चम्मच गिलोय का रस मिलाएं। अगर गिलोय की डंडी मिलती है तो 4 इंच की डंडी लें। उस बेल से लें, जो नीम के पेड़ पर चढ़ी हो। आप चाहें तो इसमें अदरक को मिलाकर पानी को उबालें और काढ़ा बनाएं और 5 दिन तक पिएं। आप चाहें तो इसमें थोड़ा-सा नमक मिलाकर दिन में 2 बार, सुबह नाश्ते के बाद और रात में डिनर से पहले लें।
पपीते के पत्ते का रस – पपीते के पत्ते का रस डेंगू फीवर के ड्यूरेशन को कम करता है, अस्पताल में मरीज के ठहराव को कम करता है, बॉडी से फ्लूइड लीक नहीं होने देता और वाइट ब्लड सेल्स (डउए) और प्लेटलेट्स की संख्या को बढ़ाता है। डेंगू का बुखार कन्फर्म होने के पहले दिन से ही पपीते के पत्ते का रस मरीज को दिया जा सकता है क्योंकि अभी तक इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं देखा गया है।
बकरी का दूध – आयुर्वेदाचार्य सुशीला दहिया का कहना है कि ‘बकरी का दूध सुपाच्य होता है। आयुर्वेद की किताबों में यह बताया गया है कि बकरी का दूध डेंगू के बुखार से निकलने में काफी कारगर होता है।‘
दूध या पानी के साथ लें हल्दी – खाने में हल्दी का इस्तेमाल ज्यादा करें। सुबह आधा चम्मच हल्दी पानी के साथ या रात को आधा चम्मच हल्दी एक गिलास दूध या पानी के साथ लें। लेकिन अगर आपको- नजला, जुकाम या कफ आदि हो तो दूध न लें। तब आप हल्दी को पानी के साथ ले सकते हैं। ऐंटिऑक्सिडेंट्स से भरपूर हल्दी शरीर का मेटाबॉलिज्म बढ़ाती है।
तुलसी की पत्तियां हैं फायदेमंद – 8 से 10 तुलसी के पत्तों का रस शहद के साथ मिलाकर लें या तुलसी के 10 पत्तों को पौने गिलास पानी में उबालें। इसमें 2 काली मिर्च और अदरक भी डाल सकती हैं। जब यह पानी आधा रह जाए तब गैस बंद कर दें और तुलसी के काढ़े को सुबह-शाम पिएं। शरीर की इम्यूनिटी स्ट्रॉन्ग होगी और बीमारी दूर।
मच्छरों से बचाव
- डेंगू के बचाव के लिए मच्छरों को पैदा होने से रोकें और खुद को काटने से भी बचाएं।
- कहीं भी खुले में पानी जमा न होने दें। साफ पानी भी गंदे पानी जितना ही खतरनाक है।
पानी पूरी तरह ढककर रखें, कूलर, बाथरूम, किचन आदि में जहाँ पानी रुका रहता है वहंा दिन में एक बार मिट्टी का तेल डाल दें।
- विंडो ऐसी के बाहर वाले हिस्से के नीचे पानी टपकने से रोकने के लिए ट्रे लगी हुई है तो उसे रोज खाली करना न भूलें। उसमें भी ब्लीचिंग पाउडर डाल कर रख सकते हैं।
- कूलर का इस्तेमाल बंद कर दें। अगर नहीं कर सकते तो उसका पानी रोज बदलें और उसमें ब्लीचिंग पाउडर या बोरिक एसिड जरूर डालें।
- गमले चाहे घर के भीतर हों या बाहर, इनमें पानी जमा न होने दें। गमलों के नीचे रखी ट्रे भी खाली करना न भूलें।
- छत पर टूटे-फूटे डिब्बे, टायर, बर्तन, बोतलें आदि न रखें या उलटा करके रखें। पानी की टंकी को अच्छी तरह बंद करके रखें। पक्षियों को दाना-पानी देने के बर्तन को रोज पूरी तरह से खाली करके साफ करने के बाद पानी भरें.
- घर के अंदर सभी जगहों में हफ्ते में एक बार मच्छरनाशक दवाई का छिडक़ाव जरूर करें। डाइनिंग टेबल में सजाने के लिए रखे फूलों या फूलों के बर्तन का पानी रोज बदलें।