नई दिल्ली, 1 अप्रैल स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश में पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना के संक्रमण के 386 नए मामलों की पुष्टि होने और तीन मरीजों की मौत होने की जानकारी देते हुए बुधवार को बताया कि यह वृद्धि राष्ट्रीय स्तर पर संक्रमण के फैलने की दर को नहीं दर्शाती है, बल्कि इस बढ़ोतरी में निजामुद्दीन मरकज की घटना प्रमुख वजह रही। उल्लेखनीय है कि दिल्ली स्थित निजामुद्दीन इलाके में एक से 15 मार्च तक हुए तबलीगी जमात के एक आयोजन में हिस्से लेने वालों में कोरोना के संक्रमण के कई मामले सोमवार और मंगलवार को सामने आए थे।
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने नियमित संवाददाता सम्मेलन में बताया कि देश में कोरोना वायरस के संक्रमण के कुल 1637 मामले हो गए हैं जबकि संक्रमण से पीड़ित मरीजों की मौत का आंकड़ा 38 तक पहुंच गया है। उन्होंने बताया कि अकेले दिल्ली में पिछले 24 घंटों के दौरान 18 मामलों में कोरोना के संक्रमण की पुष्टि हुई है, जबकि तमिलनाडु में 65 नए मामले सामने आए हैं। अग्रवाल ने संक्रमण के मामले रोकने के लिए लॉकडाउन का पालन सुनिश्चित करने को ही एकमात्र उपाय बताते हुए कहा कि इसकी रोकथाम के लिए सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है।
उन्होंने बताया कि केबिनेट सचिव की अध्यक्षता में बुधवार को सभी राज्यों के मुख्य सचिवों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बैठक में राज्यों के स्तर पर संक्रमण को रोकने के लिए किए जा रहे प्रयासों एवं लॉकडाउन का पालन सुनिश्चित करने के उपायों की समीक्षा की गई।उन्होंने बताया कि बैठक में प्रवासी मजदूरों को संक्रमण के खतरे से बचाने के लिए पृथक रखने और उनकी सहायता के लिए शुरु किए गए कार्यों को पूरा करने के प्रयासों की भी समीक्षा की गई।
संवाददाता सम्मेलन में भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद् आईसीएमआरी के रमन आर गंगाखेड़कर ने बताया कि देश भर में कार्यरत आईसीएमआर की प्रयोगशालाओं में पिछले 24 घंटों में 4562 नमूनों की जांच की गई। गंगाखेड़कर ने कहा कि इसके साथ ही देश में जांच का स्तर कुल क्षमता का 38 प्रतिशत हो गया है। उन्होंने बताया कि आईसीएमआर की कार्यरत प्रयोगशालाओं की संख्या भी बुधवार को बढ़कर 126 हो गई है। उन्होंने बताया कि आईसीएमआर द्वारा मान्यता प्राप्त निजी प्रयोगशालाओं की संख्या भी 49 से बढ़कर 51 हो गई है। (भाषा)