मोदी का आलोचकों को जवाब, सही काम करने वालों से नफरत करते हैं सही बात करने वाले

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नई दिल्ली, 6 मार्च प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरकार के नए नागरिकता कानून और जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने जैसे कदमों की आलोचना करने वालों पर पलटवार करते हुए कहा कि सही बातें करने वाले ए आलोचक उन लोगों से नफरत करते हैं जो सही काम करते हैं और यथास्थिति को छोड़कर आगे बढ़ते हैं।   

मोदी ने शुक्रवार को इकनॉमिक टाइम्स ग्लोबल बिजनेस समिट को संबोधित करते हुए करते हुए कहा कि सही बात करने वाले आज उन लोगों से चिढ़ते हैं जो सही चीजें करने की राह पर आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज अलग-अलग कारणों से वैश्विक अर्थव्यवस्था एक मुश्किल दौर से गुजर रही है। लेकिन भारतीय अर्थव्यवस्था की बुनियाद मजबूत है। नीतियां स्पष्ट हैं और इनके जरिए अर्थव्यवस्था के आकार को दोगुना कर 5,000 अरब डॉलर पर पहुंचाने के लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी।   

अपने आलोचकों पर संभवत: सबसे कड़ा हमला करते हुए मोदी ने कहा कि दुनियाभर के शरणार्थियों के लिए अधिकारों की बात करने वाला यही गैंग आज पड़ोसी देशों के प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने के भारत के कदम का विरोध कर रहा है।   उन्होंने कहा कि ए लोग दिनभर संविधान बचाने की दुहाई देते हैं, लेकिन अनुच्छेद 370 जैसी अस्थाई व्यवस्था को हटाने और जम्मू कश्मीर में भारतीय संविधान के पूरी तरह से लागू होने का विरोध करते हैं।   मोदी ने कहा कि जो लोग खुद को महिला अधिकारों का मसीहा बताते थे, आज वे तीन तलाक कानून का विरोध कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि जो लोग न्याय की बात करते हैं, यदि उच्चतम न्यायालय का एक फैसला भी उनके अनुकूल नहीं आता है, तो वे देश की शीर्ष अदालत की मंशा पर सवाल उठाने लगते हैं।   प्रधानमंत्री ने कहा कि जब उनकी पार्टी ने 2014 का लोकसभा चुनाव जीता था उस समय उनके सामने यह विकल्प था कि वह पहले से जो चलता आ रहा है उस पर चलें या फिर अपना नया रास्ता बनाएं। हमने नया मार्ग चुना जिसमें लोगों की आकांक्षा को प्राथिमिकता दी गई।  उन्होंने कहा कि सही चीजों को लेकर बात करना गलत नहीं है, लेकिन इन लोगों में उनके प्रति खास नफरत है जो सही चीजें कर रहे हैं। से में जब यथास्थिति को समाप्त कर उसमें बदलाव लाया जाता है तो उन्हें यह खलल पैदा करने वाला लगता है।  

प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार के लिए राष्ट्र निर्माण केवल विकास, बेहतर संचालन, चीजों को सुविधा जनक बनाने तक ही सीमित नहीं है बल्कि यह दृढ़ निश्चय की बात है।   उन्होंने कहा, हमें सही चीजें करने को लेकर दृढ़ विश्वास है। हम यथास्थिति को दूर करने को लेकर दृढ़ हैं। प्रधानमंत्री ने अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि सरकारी सब्सिडी के लाभार्थियों के खातों में सीधे अंतरण से हजारों करोड़ रुपए की बचत हुई है।   इसी तरह रेरा कानून से रीयल एस्टेट क्षेत्र को कालेधन से बचाने में मदद मिली है। उन्होंने कहा कि हमने चीफ आफ डिफेंस स्टार्फ सीडीएसी बनाकर यथास्थिति को तोड़ा है। इससे हमारे सैन्य बलों के बीच सहयोग और तालमेल बेहतर होगा।   उन्होंने कहा कि भारत सतत वृद्धि के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है। राजमार्गों के निर्माण की रफ्तार को बढ़ाकर प्रतिदिन 30 किलोमीटर किया गया है। पहले यह 12 किलोमीटर प्रतिदिन थी।   

मोदी ने कहा कि 2019 में देश में करीब 48 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आया। यह 16 प्रतिशत की वृद्धि है। इसी तरह पिछले साल देश में 19 अरब डॉलर का निजी इक्विटी और उद्यम पूंजी निवेश आया। इसमें 53 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई।   मोदी ने कहा बैंकिंग हो, एफडीआई नीति हो या फिर प्राकृतिक संसाधनों का आवंटन। सांठगाठ के पूंजीवाद को हर जगह से हटाया जा रहा है।   प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार का ध्यान सरलीकरण, चीजों को तर्कसंगत करने और पारदर्शिता पर है।   मोदी ने कहा कि अनुभव से पता चलता है कि जिस भी क्षेत्र में निजी क्षेत्र को प्रतिस्पर्धा करने की छूट दी जाती है, वह तेजी से आगे बढ़ता है। उन्होंने कहा, यही वजह है कि आज हमारी सरकार ज्यादा से ज्यादा क्षेत्रों को निजी क्षेत्र के लिए खोल रही है।   

प्रधानमंत्री ने कहा, आर्थिक हो या सामाजिक, आज देश परिवर्तन के एक बड़े दौर से गुजर रहा है। बीते कुछ वर्षों में भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था प्रणाली का मजबूत अंग बना है।  उन्होंने कहा कि यथास्थिति से निजात पाने के लिए हम सिर्फ देश में ही नहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि एक समय था जब दूसरे देश से दूरी बनाकर रखने को तटस्थ माना जाता था। आज भारत दोस्त बनाकर तटस्थ है।   प्रधानमंत्री ने कहा, एक ही समय में हमारी स दी अरब के साथ दोस्ती है, तो ईरान भी हमारा मित्र है। इसी तरह अमेरिका हमारा मित्र है तो रूस से भी हमारी दोस्ती है।  (भाषा)

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