मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि बुधवार को हुए एक विधेयक पर मतदान सिर्फ एक विधेयक पर मतदान नहीं है, बल्कि यह मेरी सरकार द्वारा बहुमत सिद्ध का मतदान है। गौरतलब है कि बुधवार को इस विधेयक पर मतदान के दौरान भाजपा के दो विधायकों ने कमलनाथ की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार का साथ दिया और विधेयक के पक्ष में मतदान किया।
कमलनाथ ने विधानसभा परिसर में मीडिया से चर्चा करते हुए कहा, पिछले 6 माह से भाजपा रोज कहती रही कि हमारी सरकार अल्पमत की सरकार है। आज जाने वाली है, कल जाने वाली है। ऐसा वो रोज़ कहती थी।
उन्होंने कहा कि आज भी सुबह विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा कि हमें इशारा मिल जाए तो हम आज सरकार गिरा दे। मैंने उन्हें उसी समय विश्वास प्रस्ताव के लिए आमंत्रित किया, लेकिन उन्होंने मेरा प्रस्ताव स्वीकार नहीं किया। कमलनाथ ने बताया, मैंने सोच लिया कि हम बहुमत सिद्ध कर देंगे ताकि दूध का दूध और पानी का पानी अलग हो जाए। उन्होंने कहा, आज हुआ मतदान सिर्फ एक विधेयक पर मतदान नहीं है। यह बहुमत सिद्ध का मतदान है।
कमलनाथ ने कहा कि भाजपा के दो विधायक नारायण त्रिपाठी व शरद कोल ने हमारे पक्ष में मतदान किया है। हम उनका स्वागत करते हैं। उन्होंने आत्मा की आवाज सुनी। आज हमें 122 विधायकों का समर्थन प्राप्त हो गया है। हमने अपना बहुमत सिद्ध कर दिखाया। उन्होंने कहा कि यह (भाजपा नेता) कहते थे, उनके (कांग्रेस के) 8-10 विधायक हमारे साथ हैं, पर आज दिखे तो नहीं। आज हमने अपना बहुमत सिद्ध कर दिया है।
मालूम हो कि बुधवार शाम को विधानसभा में दंड विधि (मध्य प्रदेश संशोधन) विधेयक 2019 पर बसपा विधायक संजीव सिंह द्वारा मांगे गए मत विभाजन के दौरान भाजपा के दो सदस्यों सहित कुल 122 विधायकों ने सत्तारूढ़ कांग्रेस के पक्ष में मतदान किया था।