नई दिल्ली, 3 अप्रैल (भाषा) कोरोना वायरस को पराजित करने की देश की सामूहिक शक्ति को प्रदर्शित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को देशवासियों से अपील की कि वे रविवार 5 अप्रैल को रात नौ बजे अपने घरों की बालकनी में खड़े रहकर मोमबत्ती, दीया, टॉर्च या मोबाइल की फ्लैशलाइट जलाएं। प्रधानमंत्री ने देशवासियों के लिए अपने 11 मिनट से ज्यादा के वीडियो संदेश में इस दौरान लोगों से सामाजिक दूरी को बनाए रखने की अपील भी की।
उन्होंने कहा कि सामाजिक दूरी बनाए रखने की लक्ष्मण रेखा को नहीं लांघे क्योंकि कोरोना की श्रृंखला को तोडऩे का यही रामबाण इलाज है। उनका यह संदेश परोक्ष रूप से 22 मार्च की घटनाओं को लेकर है जब लोगों ने कोरोना वायरस महामारी से सबसे आगे खड़े होकर मोर्चा ले रहे डाक्टरों, नर्सो और अन्य कर्मचारियों के प्रति कृतज्ञ्ता जाहिर करने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में बड़ी संख्या में एकत्र होकर तालियां और ड्रम बजाए थे। प्रधानमंत्री ने ही जनता से इसका आहृवान किया था।
उन्होंने कहा, मेरी प्रार्थना है कि इस आयोजन के समय किसी को भी कहीं पर भी इकट्ठा नहीं होना है। रास्तों में, गलियों या मोहल्लों में नहीं जाना है, अपने घर के दरवाज़े, बालकनी से ही इसे करना है। मोदी ने कहा हमें कोरोना के खिलाफ130 करोड़ देशवासियों के महासंकल्प को नई ऊंचाइयों पर ले जाना है। इसलिए 5 अप्रैल, रविवार को रात 9 बजे आप घर की सभी लाइटें बंद करके, घर के दरवाजे पर या बालकनी में खड़े रहकर, 9 मिनट के लिए मोमबत्ती, दीया, टॉर्च या मोबाइल की फ्लैशलाइट जलाएं।
उन्होंने कहा कि इस रविवार, 5 अप्रैल को, हम सबको मिलकर, कोरोना के संकट के अंधकार को चुनौती देनी है, उसे प्रकाश की ताकत का परिचय कराना है। हमें130 करोड़ देशवासियों की महाशक्ति का जागरण करना है। मोदी ने कहा कि कोरोना वैश्विक महामारी के खिलाफ देशव्यापी लॉकडाउन को आज 9 दिन हो रहे हैं। इस दौरान आप सभी ने जिस प्रकार अनुशासन और सेवा भाव का परिचय दिया है, वह अभूतपूर्व है। उन्होंने कहा कि कोरोना से हमारे गरीब भाई, बहन सबसे अधिक प्रभावित हैं, हमे उन्हें निराशा से निकालकर आशा की ओर ले जाना है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी से फैले अंधकार के बीच हमें निरंतर प्रकाश की ओर जाना है। हमारे यहां माना जाता है कि जनता ईश्वर का ही रूप होती है। इसलिए जब देश इतनी बड़ी लड़ाई लड़ रहा हो, तो सी लड़ाई में बार-बार जनता रूपी महाशक्ति का साक्षात्कार करते रहना चाहिए। उन्होंने कहा, आज जब देश के करोड़ों लोग घरों में हैं, तब किसी को भी लग सकता है कि वो अकेला क्या करेगा। कुछ लोग ये भी सोच रहे होंगे कि इतनी बड़ी लड़ाई को, वो अकेले कैसे लड़ पाएंगे। मोदी ने कहा कि ये लॉकडाउन का समय जरूर है, हम अपने अपने घरों में जरूर हैं, लेकिन हम में से कोई अकेला नहीं है। 130 करोड़ देशवासियों की सामूहिक शक्ति हर व्यक्ति के साथ है, हर व्यक्ति का संबल है।
कोरोना के खिलाफ लड़ाई में देश की सामूहिक शक्ति के महत्व को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, यहीं हमें मनोबल देता है, लक्ष्य देता है, उसकी प्राप्ति के लिए र्जा देता है, हमारा मार्ग और स्पष्ट करता है। कोरोना महामारी से फैले अंधकार के बीच, हमें निरंतर प्रकाश की ओर जाना है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस संकट से जो अंधकार और अनिश्चितता पैदा हुई है, उसे समाप्त करके हमें उजाले और निश्चितता की तरफ बढऩा है। इस अंधकारमय कोरोना संकट को पराजित करने के लिए हमें प्रकाश के तेज को चारों दिशाओं में फैलाना है। संस्कृत का एक श्लोक पढ़ते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे जोश और भावना से बढ़कर दूसरी कोई ताकत दुनिया में नहीं है।
उन्होंने 22 मार्च रविवारी के दिन कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई लडऩे वालों का धन्यवाद देने के लिए भी देशवासियों के प्रति आभार प्रकट किया। प्रधानमंत्री ने पिछले महीने 19 मार्च और फिर 24 मार्च को राष्ट्र को संबोधित किया था। 19 मार्च को उन्होंने इस महामारी से लडऩे के लिए देशवासियों से संयम और संकल्प को अपनाने का आहृवान किया था। साथ ही उन्होंने 22 मार्च रविवार के दिन जनता कर्फ्यू की भी घोषणा की थी। 24 मार्च को प्रधानमंत्री ने महामारी के प्रसार को रोकने के लिए 21 दिन के लाकडाउन की घोषणा की थी।