रायपुर, (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की छत्तीसगढ़ इकाई के अध्यक्ष अरुण साव ने रविवार को कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली राज्य सरकार अपनी नाकामियों का ठीकरा विधायकों पर फोड़ने का प्रयास कर रही है।
साव ने आगामी विधानसभा चुनाव के लिए जारी सत्तारूढ़ कांग्रेस की पहली सूची में आठ मौजूदा विधायकों का नाम नहीं होने के बाद यह टिप्पणी की है।
साव ने आरोप लगाया कि कांग्रेस नवरात्रि के पहले दिन अपनी पहली सूची जारी करके ‘सनातनी’ (हिंदू धर्म समर्थक) होने का दिखावा कर रही है, लेकिन कवर्धा, बिरनपुर और मोहला मानपुर में (सांप्रदायिक) घटनाएं सनातन धर्म तथा उसके अनुयायियों के प्रति पार्टी की नफरत को दर्शाती हैं।
छत्तीसगढ़ में सात और 17 नवंबर को दो चरणों में मतदान होगा, जबकि मतगणना तीन दिसंबर को होगी।
कांग्रेस ने रविवार को 30 उम्मीदवारों की सूची जारी की, जिसमें मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, उनकी कैबिनेट के 12 सहयोगियों और राज्य की विधानसभा के अध्यक्ष चरणदास महंत समेत 22 विधायकों का नाम शामिल हैं।
पार्टी ने आठ मौजूदा विधायकों को टिकट नहीं दिया है, जबकि राज्य इकाई के प्रमुख और सांसद दीपक बैज को उम्मीदवार बनाया है।
साव ने कहा, “जिस तरह से कांग्रेस ने आठ विधायकों को टिकट देने से इनकार कर दिया है, उससे पता चलता है कि भूपेश बघेल ने अपनी सरकार की विफलता के लिए अपने विधायकों पर दोष मढ़ दिया है। कांग्रेस ने उन उम्मीदवारों को फिर से मैदान में उतारा है, जिन्होंने भ्रष्टाचार को संरक्षण दिया है। यह (सत्ता बरकरार रहने पर) पार्टी के घोटाला करने के इरादे को दर्शाता है।”
भाजपा नेता ने दावा किया कि छत्तीसगढ़ की जनता इस तरह के कदमों से वाकिफ है और चुनाव में कांग्रेस को सबक सिखाएगी।
कांग्रेस की प्रदेश इकाई के प्रमुख दीपक बैज ने कहा कि सूची संतुलित है, क्योंकि इसमें पुराने और नए चेहरे शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि सूची नवरात्रि के ‘शुभ दिन’ जारी की गई है और पार्टी को ‘भगवान का आशीर्वाद’ मिलेगा।
बैज ने कहा, “पहले चरण (7 नवंबर को) में जिन 20 सीट पर मतदान होना है, उनमें से 19 के लिए उम्मीदवारों की घोषणा कर दी गई है। जगदलपुर के लिए उम्मीदवार का नाम शाम तक घोषित किया जाएगा। हम (90 सदस्यीय सदन में) 75 सीट जीतने का लक्ष्य हासिल करेंगे।”