MP : छात्रों को स्मार्ट फोन वितरित नहीं किए जाने के मुद्दे पर विधानसभा में तीखी नोकझोंक

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भोपाल, 18 जुलाई

मध्य प्रदेश में कॉलेज छात्रों को स्मार्टफोन वितरित नहीं किए जाने को लेकर गुरूवार को राज्य विधानसभा में सत्तापक्ष कांग्रेस एवं मुख्य विपक्षी दल भाजपा के बीच तीखी नोकझोंक हुई, जिसके चलते सदन की कार्यवाही प्रश्नकाल के दौरान दो बार स्थगित करनी पड़ी।   

भाजपा सदस्य चैतन्य कुमार कश्यप ने पूर्ववर्ती भाजपा सरकार की ओर से शुरू की गई कॉलेज छात्रों को स्मार्ट फोन वितरित किए जाने की योजना पर वर्तमान में अमल न होने को लेकर सवाल किया था, जिसके जवाब में प्रदेश के खेल एवं युवा कल्याण मंत्री जीतू पटवारी ने सदन को बताया कि इस योजना के तहत दिए जाने वाले स्मार्ट फोन की गुणवत्ता ठीक नहीं है। 2100 रुपए के स्मार्ट फोन 21 दिन नहीं चल रहे। इन स्मार्ट फोनों के ठीक से न चलने की कई शिकायतें आई हैं। इसकी हम जांच करा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इससे कहीं अच्छी योजना पर काम चल रहा है। यह योजना बंद नहीं की गई है।

 इस पर नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा कि आप 5,000 या 10,000 रुपए का स्मार्ट फोन दें, लेकिन स्पष्ट करें। युवाओं में भ्रम की स्थिति बनी हुई है। यह बताएं कि अच्छी योजना क्या होगी? 

इस पर पटवारी ने कहा कि पिछली भाजपा नीत सरकार द्वारा वर्ष 2014 में स्मार्ट फोन देने की घोषणा की गई थी। इस योजना में छात्रों को स्मार्ट फोन का वितरण वर्ष 2016-17 में शुरू हुआ था। राजनीतिक लाभ के लिए यह यह योजना चालू की गई थी। तत्कालीन सरकार 5,000 से 8,000 रुपए का स्मार्टफोन देने की योजना बना सकती थी, लेकिन 2,100 रुपए के स्मार्ट फोन दिए गए, जो नई तकनीक पर आधारित नहीं थे। यह छात्रों के साथ छलावा था। 

उन्होंने कहा कि हम इससे अच्छी योजना लाएंगे लेकिन समय बताना ठीक नहीं है। इस पर भार्गव ने कहा कि क्या इसी वर्ष स्मार्ट फोन उपलब्ध कराएंगे। विधानसभा अध्यक्ष ने इस पर कहा, हम उत्तर देने के लिए मंत्री को बाध्य नहीं कर सकते।

  इससे नाराज होकर भाजपा सदस्यों ने सरकार पर छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाते हुए हंगामा करना शुरू कर दिया, जिसके चलते अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही पांच मिनट के लिए स्थगित कर दी। बाद में जैसे ही दोबारा सदन की कार्यवाही शुरू हुई, भार्गव ने अध्यक्ष से कहा, संरक्षण चाहिए। मेरे प्रश्न का उत्तर दिला दो।  

इस पर अध्यक्ष ने कहा, मैं मंत्री को बाध्य नहीं कर सकता। पुरानी परंपराओं का पालन कर रहा हूं।  संसदीय कार्य मंत्री गोविन्द सिंह ने कहा मंत्री अपने नियम कायदे से उत्तर दे रहे हैं। इस पर भाजपा विधायक नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि वह कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे रहे हैं। जवाब में अध्यक्ष ने कहा, पर मुझे आपत्ति है। हम किसी मंत्री को उत्तर देने के लिए बाध्य नहीं कर सकते। आप पूरे सदन को उत्तेजित कर रहे हैं।  

अध्यक्ष के जवाब से नाराज होकर मिश्रा ने कहा, दबाव की बात नहीं। जवाब की बात कर रहा हूं।  वहीं, भार्गव ने कहा कि लोकहित की रक्षा के लिए हम यहां बैठे हैं। हंगामे के बीच अध्यक्ष ने कहा कि आप (भाजपा सदस्य) जानबूझकर प्रश्नकाल में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं और सदन की कार्यवाही दूसरी बार 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

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