सीटों की साझेदारी पर शिवसेना, भाजपा के बीच तेजी हुई रस्साकशी

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मुंबई, महाराष्ट्र विधानसभा के आने वाले चुनाव के लिए भाजपा और उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर सहमति बनती नहीं दिख रही है।  भाजपा ज्यादा सीटों के लिए जहां लोकसभा चुनाव में वोट में हिस्सेदारी बढऩे का तर्क दे रही है वहीं शिवसेना आरे भूमि विवाद, कांग्रेस और राकांपा के नेताओं को भाजपा में शामिल करने और राम मंदिर मुद्दे पर उसे हाशिए पर डालने की कोशिश कर रही है।  

शिवसेना 288 सदस्ईय महाराष्ट्र विधानसभा में प्रत्एक को 135 सीट और बाकी की 18 सीटें सहयोगियों के लिए रखने के फार्मूले पर राजी है।  लेकिन अब भाजपा इसे स्वीकार नहीं कर रही।  शिवसेना के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, भाजपा शिवसेना को 120 से ज्यादा सीट नहीं देना चाहती और यह हमें स्वीकार नहीं है। इस वर्ष फरवरी में गठबंधन की घोषणा से पहले उद्धवजी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बीच विधानसभा चुनाव में बराबर सीटों पर लडऩे की सहमति बनी थी। 

हालांकि भाजपा के एक नेता ने तर्क दिया कि 2014 के चुनाव के मुकाबले इस साल आम चुनाव में पार्टी की वोट साझेदारी बढ़ गई है।  उन्होंने कहा, बल्कि हमारे नेता (प्रधानमंत्री) नरेंद्र मोदी की छवि के बूते ही लोकसभा में शिवसेना के 18 नेता अपनी सीटों को सुरक्षित रख पाए। इसलिए हम उम्मीद करते हैं कि शिवसेना के मुकाबले हमें ज्यादा सीटें मिलें। यह हालिया रुझान को देखते हुए ही है। 

शिवसेना कई मुद्दों पर भाजपा को आड़े हाथों ले रही है। कांग्रेस और राकांपा के नेताओं को भाजपा में शामिल करने और अयोध्या में राम मंदिर बनाने की मांग को लेकर वह उस पर हमला कर रही है।  हालांकि भाजपा नेता इसे शिवसेना का दांव बता रहे हैं ताकि वह सीटों के बंटवारे पर मोलभाव कर सके। (भाषा)

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