नई दिल्ली, 22 सितम्बर (भाषा) राज्यसभा में अमर्यादित आचरण को लेकर मानसून सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित आठ सांसदों का संसद भवन परिसर में धरना मंगलवार को लगातार दूसरे दिन भी जारी है। वहीं, उप सभापति हरिवंश सुबह इन सदस्यों के लिए चाय ले कर उनके पास गए।
सूत्रों ने बताया कि निलंबित सांसदों ने संसद भवन परिसर में स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने, लॉन में रात बिताई। संसद भवन परिसर में रात को हुआ अपनी तरह का यह पहला प्रदर्शन है।
इन प्रदर्शनरत सांसदों के लिए उप सभापति हरिवंश सुबह चाय ले कर गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने धरना दे रहे सांसदों के लिए चाय ले कर जाने को लेकर हरिवंश की सराहना करते हुए कहा कि यह उनकी महानता का प्रमाण है।
उन्होंने ट्वीट में कहा कुछ दिन पहले स्वयं का अपमान, स्वयं पर हमला करने वालों तथा इसके बाद धरने पर बैठने वालों के लिए निजी तौर पर चाय ले कर जाना बताता है कि हरिवंश कितने विनम्र हैं और उनका दिल कितना बड़ा है। इससे उनकी महानता जाहिर होती है। मैं भारत के लोगों के साथ मिल कर हरिवंश को बधाई देता हूं।
आम आदमी पार्टी के संजय सिंह ने धरना स्थल की फोटो सुबह ट्वीट करते हुए कहा पूरी रात बापू की प्रतिमा के सामने खुले आसमान के नीचे बीती। किसानों के अधिकारों के लिए प्रदर्शन जारी है।
नेताओं ने कहा कि उप सभापति सुबह वहां आए और उनके साथ कैमरामैन भी थे। एक वरिष्ठ सांसद ने उनसे कहा कि वह कैमरे वालों के बिना उनके पास आएं और उनके साथ बैठें। एक प्रदर्शनकारी सांसद ने पीटीआई-भाषा को बताया एक अन्य वरिष्ठ सांसद ने उनसे कहा कि चाय लाना अच्छी बात है लेकिन बावजूद इसके उन्होंने जो किया, वह सही नहीं था। उन्हें बताया गया कि नियम उन्होंने ही तोड़ा।
कई नेताओं ने कहा कि उन्होंने उप सभापति द्वारा लाई गई चाय और स्नैक्स नहीं लिया। संजय सिंह के अनुसार, मैंने उनके द्वारा लाई गई चाय नहीं ली।
उल्लेखनीय है कि रविवार को सदन में अमर्यादित आचरण करने को लेकर तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन और आप के संजय सिंह सहित विपक्ष के आठ सदस्यों को सोमवार को मानसून सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया।
संसद का मानसून सत्र एक अक्तूबर को समाप्त होना है। निलंबित सांसदों ने अपनी मांग माने जाने तक धरना जारी रखने का संकेत दिया। विपक्षी दलों ने सांसदों के निलंबन को लेकर सरकार पर निशाना साधा। कांग्रेस ने इसे अलोकतांत्रिकऔर एकतरफा कार्रवाई करार दिया।
आप के संजय सिंह ने कहा उप सभापति सुबह धरना स्थल पर हमसे मिलने आए। हमने उन्हें बताया कि किसान विरोधी विधेयक नियमों को ताक पर रख कर पारित किया गया। यह जानते हुए कि सदन में भाजपा को बहुमत नहीं है, विधेयक में संशोधनों को लेकर मतविभाजन नहीं कराया गया। इसके लिए केवल वह (उप सभापति) जिम्मेदार हैं।
उन्होंने कहा किसानों के साथ धोखा किया गया। हम मत विभाजन की मांग करते रहे और हमारी मांग सुनी ही नहीं गई। यह समय दोस्ती का नहीं बल्कि किसानों के अधिकारों की लड़ाई लडऩे का है। किसान विरोधी विधेयकों के विरोध में हम पूरी रात यहां धरने पर बैठे रहे।
गौरतलब है कि संसदीय कार्य राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने रविवार को कृषि विधेयकों के पारित होने के दौरान हुए हंगामे में असंसदीय आचरण को लेकर विपक्ष के आठ सदस्यों को मौजूदा सत्र के शेष समय के लिए निलंबित किए जाने का प्रस्ताव कल सोमवार को पेश किया जिसे सदन ने ध्वनिमत से मंजूरी प्रदान कर दी।
निलंबित किए गए सदस्यों में कांगेस के राजीव सातव, सैयद नजीर हुसैन और रिपुन बोरा, तृणमूल के डेरेक ओ ब्रायन और डोला सेन, माकपा के केके रागेश और इलामारम करीम व आप के संजय सिंह शामिल हैं।
राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने रविवार के घटनाक्रम पर गहरी नाराजगी जाहिर करते हुए कल सोमवार को सदन में कहा कि कुछ विपक्षी सदस्यों ने जो आचरण किया वह दुखद, अस्वीकार्य और निंदनीय है तथा सदस्यों को इस संबंध में आत्मचिंतन करना चाहिए।
इसके साथ ही सभापति नायडू ने उप सभापति हरिवंश के खिलाफ विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव नोटिस को सोमवार को खारिज कर दिया और कहा कि यह उचित प्रारूप में नहीं था। नायडू ने हंगामा करने वाले सदस्यों के व्यवहार की निंदा करते हुए कहा कि हरिवंश ने बाद में उन्हें सूचित किया कि उनके खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल भी किया गया।
उन्होंने कहा कि हंगामे के दौरान कुछ सदस्यों ने कोविड-19 संबंधी सामाजिक दूरी के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन किया। उन्होंने कहा कि उप सभापति के साथ बदसलूकी की गई, माइक उखाड़े गए और नियमों की पुस्तिका फेंकी गई। उनके साथ अमर्यादित आचरण किया गया