आईआईटी के पूर्व छात्रों ने थर्मल जांच के लिए इन्फ्रारेड कैमरे से लैस ड्रोन बनाए

सांकेतिक तस्वीर
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नई दिल्ली, 3 अप्रैल (भाषा) भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थार्न आईआईटी के तीन पूर्व छात्रों ने इन्फ्रारेड कैमरे से लैस एक सा ड्रोन बनाया है, जो मानवीय हस्तक्षेप के बिना ही लोगों की थर्मल जांच कर सकता है और शुरुआती चरण में ही कोविड-19 के संदिग्ध मामलों की पहचान कर सकता है। ड्रोन में एक लाउडस्पीकर भी लगा हुआ है जिसे खासकर उन जगहों पर नजर रखने और इसकी मदद से आवश्यक निर्देश देने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है, जहां कोविड-19 के संक्रमण के मामले अधिक हैं।  

मारुत ड्रोनटेक नाम से एक स्टार्टअप की स्थापना करने वाली आईआईटी गुवाहाटी के पूर्व छात्रों की टीम तेलंगाना एवं आंध्र प्रदेश सरकार तथा त्रिची नगर निगम के समन्वय से इस ड्रोन का परीक्षण कर रही है। इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्युनिकेशन्स इंजीनियरिंग में स्नातक प्रेम कुमार विस्लावथ ने कहा, बंद में ढील दिए जाने के बाद और लोगों के एकत्र होना शुरू हो जाने के बाद सामाजिक दूरी सुनिश्चित करना मुश्किल हो जाएगा और संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ जाएगा।  

उन्होंने कहा, भोजन एवं दवाइयां पहुंचाने और संक्रमण मुक्त करने के लिए छिड़काव करने समेत कई कामों के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है। हमें लगा कि तापमान मापते समय कर्मियों में संक्रमण के खतरे को सीमित करने के लिए इन्फ्रारेड कैमरा से युक्त ड्रोन का उपयोग किया जा सकता है। इस टीम के एक अन्य सदस्य सूरज पेड्डी ने कहा कि इस ड्रोन कैमरा का इस्तेमाल शरीर का तापमान मापने के लिए किया जा सकता है और अधिकारी संक्रमित व्यक्ति से दूर रह सकते हैं।   

उन्होंने कहा, हालांकि इसके परिणाम उत्साहवर्धक हैं लेकिन यह बताना आवश्यक है कि यह समाधान मानक चिकित्सकीय प्रक्रियाओं में इस्तेमाल करने के लिए तैयार नहीं किया गया है। टीम के तीसरे सदस्य साई कुमार चिंथाला ने कहा, जब दुनिया भर के देश इस वैश्विक महामारी के कारण बंद लागू कर रहे हैं, ऐसे में ड्रोन अच्छा विकल्प बनकर सामने आए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, कोविड-19 संक्रमण से देश में 56 लोगों की मौत हो चुकी है और 2,301 लोग इससे संक्रमित हैं।

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